“डिजिटल कॉलर ट्यून: सुविधा या विघ्न? ,पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने संचार मंत्री सिंधिया को सौंपा ज्ञापन

“डिजिटल कॉलर ट्यून: सुविधा या विघ्न? ,पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने संचार मंत्री सिंधिया को सौंपा ज्ञापन

भारत सरकार द्वारा साइबर धोखाधड़ी एवं डिजिटल फ्रॉड के विरुद्ध जनजागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत मोबाइल कॉल के आरंभ में एक विशेष कॉलर ट्यून प्रसारित की जा रही है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को ओटीपी, बैंक विवरण अथवा अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की चेतावनी देना है। यह प्रयास जहां सराहनीय है, वहीं इसकी व्यवहारिक कठिनाइयों के चलते आम उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसी विषय को लेकर पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री सुदर्शन गुप्ता ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया कि कॉलर ट्यून बजने के कारण मोबाइल कॉल लगाने में बार-बार विघ्न उत्पन्न हो रहा है, जिससे कॉल डायलिंग में विलंब, कॉल ड्रॉप और कनेक्टिविटी की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। कई बार आवश्यकतानुसार संवाद स्थापित नहीं हो पाता, जिससे उपभोक्ताओं विशेषकर आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

श्री गुप्ता ने अपने ज्ञापन में आग्रह किया कि –

> “डिजिटल अरेस्ट जैसे अभियान आवश्यक हैं, परंतु मोबाइल कॉल के समय बजने वाली कॉलर ट्यून के स्थान पर अन्य वैकल्पिक माध्यमों जैसे एसएमएस, सोशल मीडिया, टीवी-रेडियो या अन्य प्रचार माध्यमों से इस जागरूकता को आगे बढ़ाया जाए, ताकि जागरूकता और सुविधा दोनों का संतुलन बना रहे।”

श्री सिंधिया ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कहा कि –

> “इस संबंध में पहले भी कुछ उपभोक्ताओं से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। हम तकनीकी समाधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं और विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।”

इस प्रकार, श्री सुदर्शन गुप्ता का यह हस्तक्षेप न केवल एक तकनीकी असुविधा को जनसंवेदना के स्तर पर उठाने का साहसिक प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जनहित के विषयों पर सजग नेतृत्व आवश्यक प्रतिक्रिया देने हेतु तत्पर है।

जब सावधानी ही संवाद में बाधा बन जाए — तब संवेदनशीलता आवश्यक हो जाती है।

“डिजिटल इंडिया” तभी पूर्ण होगा जब वह “सेंसिटिव इंडिया” की ओर भी कदम बढ़ाए।

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