अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे एनएचएम संविदा कर्मचारी, स्वास्थ्य सेवाएं हुईं प्रभावित
गुना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत गुना सहित प्रदेश के बत्तीस हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में की जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि संविदा नीति 2023 के अंतर्गत मिलने वाले लाभों को अब तक लागू नहीं किया गया है और इसके विपरीत उनकी सुविधाओं में कटौती कर दी गई है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों की अवहेलना करते हुए सरकार ने वादाखिलाफी की है, जिसके विरोध में यह आंदोलन किया जा रहा है।
हड़ताल के पहले दिन जिला स्तर पर पंडाल लगाकर भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया। पंडाल में भारत माता की तस्वीर और संगठन के झंडे लगाए गए तथा किसी मंदिर में पूजा-अर्चना कर भगवान से मांगों के समाधान हेतु प्रार्थना की गई। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि जब तक सरकार पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा और संविदा नीति 2023 के अनुसार कर्मचारियों को लाभ प्रदान नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल का सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिल रहा है। टीकाकरण कार्यक्रम पूरी तरह प्रभावित हो गया है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांचें नहीं हो पा रही हैं। नवजात शिशु देखरेख केन्द्र तथा गम्भीर रूप से बीमार शिशु देखरेख इकाइयों का कार्य भी ठप हो गया है। इसके साथ ही हृदय रोग, मधुमेह जैसी गम्भीर बीमारियों के लिए नियमित जाँच कराने आने वाले मरीजों को भी निराश होकर लौटना पड़ा। वृद्धजनों एवं नियमित इलाज करवाने वालों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त क्षय रोग, मलेरिया सहित कई अन्य रोगों की जाँच कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। स्वास्थ्य शिविरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों और विभागीय रिपोर्टिंग पर भी हड़ताल का व्यापक असर देखा गया।
संघ ने हड़ताल के दौरान रोज़ाना अलग-अलग गतिविधियों की रूपरेखा तय की है। 23 अप्रैल को समस्त कर्मचारी वादाखिलाफी सरकार के नाम पोस्टकार्ड अभियान चलाकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजेंगे तथा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का वीडियो प्रदर्शन पंडाल में किया जाएगा। 24 अप्रैल को पंडाल में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा। 25 अप्रैल को जिले के सांसद और विधायकों के निवास या कार्यालय पहुंचकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा। 26 अप्रैल को सभी कर्मचारी थाली बजाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। 27 अप्रैल से प्रतिदिन दो कर्मचारी सुबह दस बजे से शाम पाँच बजे तक क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 28 अप्रैल से भोपाल चलो आंदोलन की तैयारी शुरू की जाएगी, जिसके लिए सभी जिलों को सत प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने को कहा गया है।एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगों में संविदा नीति 2023 के प्रावधानों को पूरी तरह लागू करना, पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को लागू करना तथा कर्मचारियों की पुरानी सुविधाओं को बहाल करना शामिल है। संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े हर आम नागरिक का है। जब तक सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, यह हड़ताल पूरी मजबूती के साथ जारी रहेगी।-
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