44 करोड़ की लागत से बनेगी गुना में भव्य गौशाला एवं गौअभ्यारण,गोर्वधन गौशाला, गौअभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र का भूमिपूजन 9 अप्रैल को गौशाला खुलने के बाद सड़कों पर नहीं घूमेगी बेसहारा गौमाता
44 करोड़ की लागत से बनेगी गुना में भव्य गौशाला एवं गौअभ्यारण,गोर्वधन गौशाला, गौअभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र का भूमिपूजन 9 अप्रैल को गौशाला खुलने के बाद सड़कों पर नहीं घूमेगी बेसहारा गौमाता
गुना। जिले में जल्द खुलने जा रही 44 करोड़ की लागत से भव्य और विशाल गौशाला जिसके शुभारंभ के बाद सड़कों पर नहीं घूमेगी बेसहारा गौमाता। गोवर्धन गौशाला गोअभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र का भूमिपूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजित महापात्रा एवं विशिष्ठ अतिथि केंद्रीय मंत्री भारत सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न होगा। उक्त बात पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए गोवर्धन गौशाला समिति अध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल ने कही। भूमिपूजन एवं शिलान्यास से पूर्व गोवर्धन गौशाला समिति गुना द्वारा सोमवार को स्थानीय होटल गुना में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें गोवर्धन गौशाला समिति के अध्यक्ष गिर्राज अग्रवाल ने गौशाला निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डाला। पत्रकार वार्ता में गौशाला समिति सचिव अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष कुलदीप शर्मा एवं मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली मुख्य रूप से उपस्थित रहे। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए समिति अध्यक्ष जी के अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हम एक ऐसे कार्य की चर्चा करने जा रहे हैं जिसका सभी नगर वासियों को काफी दिनों से इंतजार था। भारत की भूमि पर गायों की सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया, लेकिन आज के युग में हम देखते हैं कि गायों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। सड़कों पर भूखी प्यासी बीमार और घायल गाय घूम रही है । हमारी संस्कृति का यह गौरव उपेक्षा एवं तिरस्कार का शिकार हो गया है । अब समय आ गया है कि हम फिर से भारत को गौ माता की पूजा एवं सेवा में अग्रणी बनावे। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारी समिति के पास स्वयं के स्वामित्व की लगभग 140 बीघा भूमि ग्राम पांज में खड़ेश्वरी आश्रम के सामने उपलब्ध है, जिस पर गौशाला गौ अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। इस परियोजना के प्रथम चरण में 5000 गायों के लिए योजना बनाई गई है जिसका कार्य क्रमशः किया जावेगा। श्री अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जिले की सड़कों पर घूम रही भूखी प्यासी बीमार और दुर्घटनाओं में घायल बेसहारा गायों को इस गौशाला मैं लाकर सुरक्षित जीवन देना है । उन्हें न केवल भोजन और आसरा मिलेगा अपितु सच्चे अर्थों में प्रेम सम्मान एवं सेवा भी प्राप्त होगी । इस परियोजना में गायों के संरक्षण के अतिरिक्त घायल एवं बीमार गायों के लिए अत्यंत आधुनिक चिकित्सालय जिसमें संवेदनशील ढंग से गायों की चिकित्सा की जावेगी।
गोवंश की नस्ल सुधार एवं संवर्धन का कार्य किया जाएगा ।
गोवंश से प्राप्त होने वाले पदार्थ से उत्कृष्ट उत्पादन का निर्माण किया जाएगा। गोवंश से प्राप्त होने वाले पंचगव्य के माध्यम से चिकित्सा की जावेगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि पंचगव्य पर अनुसंधान केंद्र एवं प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा जहाँ कैंसर जैसी जघन्य बीमारियों के इलाज हेतु औषधियाँ तैयार की जावेंगी। गोवंश के पंचगव्य से जैविक बीज उपचार ,जैविक खाद, कीटनाशक एवं अन्य उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। गोपालन एवं गोवंश की चिकित्सा आदि विषयों पर अध्ययन एवं प्रशिक्षण हेतु 500 प्रशिक्षार्थियों के लिए सर्व सुविधायुक्त आवासीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा ।
इस परियोजना के अंतर्गत 250 शिक्षार्थियों की क्षमता का एक वैदिक गुरुकुलम की भी स्थापना की जाएगी जिसमें शिक्षार्थियों को वैदिक एवं सनातन की शिक्षा दी जावेगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि गौशाला गौ अभ्यारण के स्वावलंबन के लिए गोवंश से प्राप्त गोबर एवं गोमूत्र से वर्मी कंपोस्ट जैविक रसायन एवं गौ कास्ट आदि का उत्पादन किया जाएगा ।
गौशाला में बायोगैस संयंत्र, सीएनजी प्लांट की स्थापना के साथ-साथ दो मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित करने का प्रावधान किया गया है जिनकी आय से परियोजना को स्वावलंबी बनाया जा सके । श्री अग्रवाल में ने कहा कि इस परियोजना में एक विशेष प्रकल्प का प्रस्ताव भी किया गया है जिसके अंतर्गत एक गौ आश्रालय की स्थापना की जावेगी। कोई भी नागरिक ऐसी गौ माता जो दूध नहीं दे रही हो उसको इस गौ आश्रालय में छोड़ सकता है तथा संस्था से दुधारू गौ माता प्राप्त कर सकता है इस हेतु नागरिक को छोड़ी हुई गौ माता की गोचारे की राशि संस्था में जमा करना होगा ।
इससे नागरिक दूध नहीं देने वाली गाय को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे और उन्हें हमेशा गौ माता का दूध उपलब्ध होता रहेगा ।
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 43. 40 करोड रुपए आएगी। हम जानते हैं कि यह एक बहुत बड़ी राशि है परंतु यदि हम सब एकजुट होकर सहयोग करेंगे तो कुछ भी संभव है।
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