दमोह से अमर चौबे।
दो मंत्री सहित सत्ता दल के नेताओं ने इस मामले को लेकर अभी तक साधी चुप्पी …..


आखिरकार चार मौतों का जिम्मेदार कौन…..? वैसे तो दमोह जिला अस्पताल हमेशा ही अपनी करगुजारियों के लिए चर्चा बना रहता है परंतु एक ही दिवस में हुई 4 प्रसूताओं की मौत के बाद प्रदेश भर में बदनामी झेल रहा जिला अस्पताल अपनी लापरवाहियों एवं कार्य शैली से बाज नहीं जा रहा है।ताजा मामला जिला अस्पताल स्थित च का है जहां गेट पर ही प्रसूता इलाज के लिए तड़पती रही परंतु उसकी सहायता के लिए पहुंचा न ही कोई स्टाफ नर्स।
जबेरा के रोंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम सगरा की रहने वाली ममता राठौर पति……को प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकर्ता एवं परिजनों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया। जहां उपस्थित स्टाफ द्वारा बिना किसी जांच के ही उन्हें पहले तो प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह दी गई, फिर उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया।













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