जैन समाज के आचार्य विद्यासागर जी का देवलोक गमन

शकील खान मनावर

 

जैन समाज के आचार्य विद्यासागर जी का देवलोक गमन

जैन धर्म मे सत्य,तपस्या ओर अहिंसा की अलख जलाने वाले आठ भाषाओं के ज्ञाता

“मुकमाटी ” महाकाव्य के रचयिता आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी का आज संलेखना पूर्वक समताभाव से देह परिवर्तन हुआ

आचार्य गुरुवर के देवलोकगमन होने से पूरे जैन समाज मे शोक व्याप्त है

गुरुओं के गुरु आचार्य विद्यासागर के देह त्यागने के समाचार से मनावर सकल जैन समाज मे शोक व्याप्त है

मनावर जैन समाज के लोगो ने उनके देव लोकगमन पर सुबह से अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर सदर बाजार स्थित पार्शनाथ चैत्यालय से मौन जुलूस निकाला

मोन जुलूस का समापन अजितनाथ जैन बड़े मंदिर जी में समाजजनों द्वारा विनयांजलि दी गई

सुबह से ही मनावर के तीनों मंदिरों में अभिषेक व णमोकार पाठ के बाद मौन रखा गया

श्वेताम्बर जैन समाज द्वारा भी स्थानक भवन में गुरुदेव के प्रति विनयांजलि देकर मोन रखा गया

श्वेताम्बर श्री संघ के अध्यक्ष प्रवीण खटोड़ ने बताया कि आचार्य विद्यासागर जी केवल जैन समाज के संत नही बल्कि वह तो जन जन के संत थे उनके बताए मार्गो पर यदि मनुष्य चले तो उसका जीवन ही धन्य हो जाये

 

संध्या के समय महावीर जिनालय में 48 दीपको से भक्ताम्बर पाठ कर महा आरती की गई

विनयांजलि सभा मे समाज के अध्यक्ष आर .सी. जैन ,अल्ट्राटेक यूनिट हेड विजय छाबड़ा ,राकेश गोधा , नरेश बड़जात्या ,अभय सोगानी ,पारस कासलीवाल ,विपिन गंगवाल ,आयुष बड़जात्या ,चिमन लाल वेद विपुल गंगवाल,सुनीता गंगवाल ,अंकिता सोगानी, सहित समाज जनो ने आचार्य श्री को श्रद्धांजलि देते हुए अपनी बात रखते हुए उनके बताए हुए सच्चे मार्ग पर चलने का संकल्प लिया

समाज के नरेश चंद बड़जात्या ने बताया कि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी के प्रति लोगो में अगाध श्रद्धा है वह कठिन तपस्वी रहे है उन्होंने संलेखना पूर्वक देह का त्याग किया घटना की सूचना से जैन समाज के साथ हर धर्म प्रेमी शोक संतप्त है

 

आपको बता दे कि देश मे इंडिया नही भारत कहो का नारा देने वाले प्रथम संत विद्यासागर जी के लिए गायों की सेवा करना सर्वोपरि है

आज देश मे कई ऐसी गौशालाएं चल रही है जो विद्यासागर जी ने खुलवाई है

इसके अलावा स्वाध्याय शालाये, औषधालय आचार्य श्री के प्रेरणा से स्थापित किये गए

माँस निर्यात के विरोध में जनजागरण अभियान के जरिये पूरे देश मे शाकाहार का संदेश देने वाले आचार्य विद्यासागर जी के नाम से अमरकंटक में सर्वोदय तीर्थ नामक एक सहायता केंद्र भी चल रहा है जहां विकलांगो का निःशुल्क उपचार किया जाता है

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