उज्जैन से श्री उमेश नाथ जी महाराज को बनाया राज्यसभा सांसद उम्मीदवार,जाने उमेशनाथ जी के बारे में

इरफान अंसारी उज्जैन

श्री उमेशनाथ जी जीवन परिचय

उज्जैन से श्री उमेश नाथ जी महाराज को बनाया राज्यसभा सांसद उम्मीदवार।।

 

इऱफान अन्सारी 9425096974

 

श्रीमती माया नारोलिया को बनाया और श्री बंशीलाल जी गुर्जर को भी बनाया उम्मीदवार साथ ही एलमुरूगन को बनाया भाजपा ने MP से प्रत्याशी ।

 

 

 

पूज्य राष्ट्रीय संत बाल योगी श्री उमेश नाथ जी महाराज पीठाधीश्वर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम आश्रम उज्जैन

 

सन 1964 बाल्यावस्था से साधु है, आपके पूज्य माताजी पिता जी ने महायोगी श्री गोरक्षनाथ जी के धुने पर जन्म लेने के बाद चढ़ा दिया था तब से आज तक सन्यासी जीवन चल रहा है आपका लक्ष्य है कि मानव समाज में आध्यात्मिकता संस्कारिकता मर्यादिता एवं सभ्यता बनी रहे में समाज में एकात्मता भाईचारा समरसता सद्भाव बना रहे और मानवीय जीवन को सार्थकता मिले आप सन्यासी जीवन से ऊंचे उठकर समाज के लिए जीना ज्यादा पसंद करते हैं समाज में से कुरीतियां खत्म, हो समाज नेक रास्ते पर चले, इस हेतु विभिन्न पद यात्राएं भारत भ्रमण निरंतर जारी रहता है,वाहनों की यात्राएं, ट्रेन की यात्राएं, हवाई जहाज की यात्रा समाज में से जाति पंथ संप्रदाय खत्म हो इस उद्देश्य को लेकर आपका एक आंदोलन निरंतर सक्रिय रहता है जाति पंथ संप्रदाय तोड़े राष्ट्र को जोड़ें आप 1992 में 8 प्रांतों के राजकीय अतिथि रह चुके है । आपका शिक्षण दर्शन शास्त्र में एम. ए. तक हुआ है। मध्य प्रदेश राजस्थान में सबसे पहले राजकीय अतिथि का दर्जा प्राप्त हुआ है आपको गौरव इंडिया अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है, साथ ही विभिन्न अवार्ड प्राप्त हुए हैं कर्मवीर अवार्ड ,छत्तीसगढ़ अवार्ड,हरियाणा अवार्ड, समाज गौरव अवॉर्ड,राजस्थान अवार्ड उसी के साथ अवध यूनिवर्सिटी द्वारा समरसता अवार्ड से भी आपको सम्मानित किया गया है, आप देश विदेशों की यात्राएं भी करते हैं आपका जीवन पूर्ण रूप से सादगी जीवन एवं सरल जीवन मधुर भाषी रहता है

आपके द्वारा अवंतिका पुरी उज्जैन में वाल्मीकि समाज के धर्म गुरु प्रातः स्मरणीय अनंत श्री विभूषित स्वामी सोहन दास जी महाराज की समाधि स्थल पर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम का निर्माण किया गया गोरक्षनाथ जी की धूनी चेतन की गई गौशाला भोजनशाला, चिंतन शाला सभामंडप, वाल्मीकि घाट सीसी कांक्रीट रोड लाइट पानी विश्राम की व्यवस्था के साथ सामाजिक संस्कार शाला आदि का निर्माण किया गया है, यह स्थान संपूर्ण भारतवर्ष के वाल्मीकि धर्म अनुयायियों का हृदय स्थल एवं पावन तीर्थ है और पूरे आश्रम परिधि में पहुंचने के बाद प्राचीनता का आभास होता है आश्रम में गुरुकुल जैसी व्यवस्था यहां पहुंचने पर पाश्चात्य सभ्यता का कहीं नामोनिशान नहीं मिलता है इस स्थान को पावन पवित्र एवं मर्यादित सभ्यता में रखने के लिए पूज्य महाराज श्री बाल योगी उमेश नाथ जी का पूरा प्रयास रहता है समाज के प्रत्येक अंग के लोग भी इनके विनम्र आदेश को स्वीकार करके आश्रम की व्यवस्था में संलग्न रहते हैं इस आश्रम की आभा और चर्चा पूरे देश में फैल रही है इस स्थान पर महाराज श्री के पहुंचने के बाद 41 दिन में भूमि में से शिवलिंग प्रकट हुआ है जिसका नामकरण संस्कार कर कमलेश्वर वाल्मीकेश्वर महादेव रखा गया है निकट ही बरगद का पेड़ और गंगा जी प्रकट हुई है आश्रम पर लगभग 5 अखंड जोत जग रही है, अखंड धूनी, अखंड भंडारा, अखंड साधु संतों की सेवा चल रही है अखंड आरती प्रार्थना पूजा निरंतर चालू रहता है इसी के साथ इस स्थान पर देश की उच्च कोटि के संत शिरोमणि समाज सेवक, बड़े राजनेता प्रशासनिक अधिकारी सभी अपने स्तर पर पूज्य संत बाल योगी उमेश नाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त करने तथा मार्गदर्शन लेने के लिए निरंतर आते रहते हैं इस स्थान पर दलगत राजनीतिक से ऊंचे उठकर सभी का सम्मान किया जाता रहा है।

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