बजरंगगढ़ थाना पुलिस की तत्पर और प्रभावी कार्यवाही से उजागर हुआ अंधे कत्ल का रहस्य, कुंए में संदिग्ध अवस्था में तैरता मिला था मृतक देवेन्द्र अहिरवार का शव परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर हुआ हत्या का खुलासा
*पुलिस अधीक्षक श्री अंकित सोनी के सशक्त नेतृत्व में बजरंगगढ़ थाना पुलिस की बड़ी सफलता
बजरंगगढ़ थाना पुलिस की तत्पर और प्रभावी कार्यवाही से उजागर हुआ अंधे कत्ल का रहस्य, कुंए में संदिग्ध अवस्था में तैरता मिला था मृतक देवेन्द्र अहिरवार का शव परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर हुआ हत्या का खुलासा
*बहनोई की हत्या कर कुएं में शव फेंकने वाले आरोपी को पुलिस ने तत्काल किया गिरफ्तार*
*गुना पुलिस की सतत् कार्यवाहियां न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम*
गुना पुलिस अधीक्षक श्री अंकित सोनी के स्पष्ट निर्देशों एवं संवेदनशील नेतृत्व में गुना पुलिस द्वारा जिले में अपराधों के विरूद्ध निरंतर सख्त एवं प्रभावी कार्यवाहियां की जा रहीं हैं । इसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मानसिंह ठाकुर के मार्गदर्शन एवं सीएसपी गुना श्रीमति प्रियंका मिश्रा के पर्यवेक्षण में बजरंगगढ़ थाना प्रभारी उपनिरीक्षक कृपाल सिंह परिहार और उनकी टीम द्वारा एक जटिल अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है ।
दिनांक 16 नवम्बर 2025 को बजरंगगढ़ के माता मोहल्ला मरघट शाला के पास स्थित कुएं में देवेन्द्र अहिरवार निवासी ग्राम पहाड़ा थाना शाढौरा जिला अशोकनगर का शव पड़ा होने की पुलिस को सूचना मिलने पर बजरंगगढ़ थाना प्रभारी कृपाल सिंह परिहार हमराह फोर्स के तत्काल मौके पर पहुंचे और देखने पर उक्त शव देवेन्द्र अहिरवार उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम पहाड़ा थाना शाढौरा जिला अशोकनगर का पाया गया, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पूर्व में दिनांक 14 नवम्बर 2025 को बजरंगगढ़ थाने में मृतक के पिता द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें बताया गया था कि देवेन्द्र बजरंगगढ़ में अपनी ससुराल आया था और जहां से दिनांक 13 नवम्बर 2025 के शाम से लापता है । मृतक देवेन्द्र अहिरवार का कुए से शव बरामद होने की घटना पर से बजरंगगढ़ थाने में मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की गई ।
चूंकि मृतक के परिजनों द्वारा हत्या कर शव को कुंए में फेंके जाने की आशंका व्यक्त की गई थी, जिससे पुलिस अधीक्षक श्री अंकित सोनी के द्वारा प्रकरण को चुनौती के रुप में लेते हुए मामले में हर पहलुओं पर सूक्ष्मता से जांच कर प्रकरण का शीघ्र खुलासा किए जाने के स्पष्ट निर्देश प्रदान किए गए । निर्देशों के परिपालन में बजरंगगढ़ थाना पुलिस ने प्रकरण की गहनता से जांच की गई । जांच के दौरान साक्षियों के कथन, घटना स्थल की परिस्थितियाँ एवं पीएम रिपोर्ट के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि मृतक की मृत्यु सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई थी ।
आगे की जांच में यह तथ्य सामने आया कि मृतक देवेन्द्र अहिरवार अपनी पत्नि को लगातार परेशान करता था एवं उसे अच्छे से नहीं रखता था । इसी बात को लेकर दिनांक 13 नवम्बर 2025 को शराब पीने के दौरान मृतक देवेन्द्र अहिरवार और उसके साले विजय अहिरवार के बीच विवाद हुआ था, जिसमें विजय अहिरवार ने मृतक देवेन्द्र अहिरवार की मारपीट की थी और सिर में पत्थर कर उसकी हत्या कर दी थी तथा साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव को कुएं में फेंक दिया था ।
संपूर्ण मर्ग जांच उपरांत दिनांक 13 दिसंबर 2025 को आरोपी विजय अहिरवार निवासी बजरंगगढ़ के विरूद्ध अप.क्र. 103(1), 238(बी) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तुरंत तलाश प्रारंभ की गई, जिसे घर पर तलाश करने पर वह घर नहीं मिला । इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी को पुलिस के आने की भनक लगने से वह आरोन तरफ कहीं जाने की फिराक में है । इसके बाद पुलिस द्वारा कस्बे में आरोपी सघन तलाश की और दिनांक 13 दिसंबर को ही जिसके संबंध में मुखबिर से पुख्ता सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही कर आरोपी विजय पुत्र बाबूलाल अहिरवार उम्र 33 साल निवासी माता मोहल्ला बजरंगगढ़ को फरार होने का मौके न देते हुए तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया एवं वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण कर आरोपी को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया है ।
इस पेंचीदा और चुनौतीपूर्ण अंधे कत्ल के सफल खुलाशे में बजरंगगढ़ थाना प्रभारी उपनिरीक्षक कृपाल सिंह परिहार, सउनि प्रथ्वी सिंह, प्रधान आरक्षक मुकेश पाराशर, प्रधान आरक्षक दिलीप कलावत, प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण धाकड़, प्रधान आरक्षक राजेश शुक्ला, आरक्षक महेश बंजारा, आरक्षक मुकेश वर्मा, आरक्षक सूर्यप्रताप सिंह, आरक्षक अभयराज रघुवंशी, आरक्षक राजकुमार रघुवंशी, आरक्षक आरिफ खान, आरक्षक भूपेन्द्र गुर्जर, आरक्षक नवल किशोर एवं महिला आरक्षक सपना रघुवंशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
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