पुण्यो की प्रबलता से मिलता है वैराग्य धारण कर आत्मकल्याण का सौभाग्य – विवर्धन सागर जी

राजेश माली सुसनेर

पुण्यो की प्रबलता से मिलता है वैराग्य धारण कर आत्मकल्याण का सौभाग्य – विवर्धन सागर जी

*जैनेश्वरी दीक्षा समारोह : सकल समाज के साक्ष्य में त्रिमूर्ति मंदिर पर त्रि संघों के सानिध्य में विपुल भैया बने ऐलक मंथन सागर*

*मुनि सागर जी ने संघस्थ ब्रह्मचारी को मंत्रोच्चार के साथ प्रदान की ऐलक दीक्षा*

सुसनेर। बुधवार का दिन सुसनेर में वैराग्य और संयम धारण के नाम रहा। नगर के त्रिमूर्ति दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र पर जैनेश्वरी दीक्षा समारोह का आयोजन बुधवार को सकल जैन समाज के तत्वावधान में सन्मति जिन चैत्यालय एवं ज्ञान मन्दिर निर्माण समिति के द्वारा हुआ। जहाँ सकल जैन समाज के साक्ष्य में त्रिमूर्ति मंदिर पर सन्तो के त्रि संघ गणधर मुनि श्री विवर्धन सागर जी, समाधिस्थ मुनि श्री भूतबलि सागर जी व गणिनी आर्यिका संगम मति माता जी ससंघ की मौजूदगी में मुनि श्री मुनि सागर जी महाराज ने मंत्रोच्चार के साथ संघस्थ ब्रह्मचारी विपुल भैया को ऐलक दीक्षा प्रदान कर ऐलक श्री मंथन सागर नाम दिया। संघस्थ ब्रह्मचारी विपुल भैया को संघ में 6 वर्ष की साधना के बाद यह ऐलक दीक्षा प्रदान की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में गुरू पूजन किया गया। समाज के लाभार्थी परिवारों ने साधु चर्या के लिए आवश्यक उपकरण पिच्छी, कमण्डल, शास्त्र, वस्त्र और माला भेंट किए। संचालन बाल ब्रह्मचारी मंजूला दीदी व मुकेश जैन शास्त्री ने किया। इस दौरान पात्र भक्ति एवं आर्यिका चर्या पुस्तक का विमोचन किया गया। रात्रि में समाधिस्थ भूतबलि साग़र जी के जीवन पर शार्ट मूवी को दिखाया गया। उक्त जानकारी त्रिमूर्ति मन्दिर ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी दीपक जैन पत्रकार ने दी।

*सन्तों ने सम्बोधन में की दीक्षार्थी के संयम धारण की अनुमोदना*

उपस्थितो को सम्बोधित करते हुए गणधर मुनि विवर्धन सागर जी ने कहा कि पुण्यो की प्रबलता से वैराग्य धारण कर आत्मकल्याण करने का सौभाग्य मिलता है। उन्होंने दीक्षार्थी को गुरुचरणो में रहकर ही सन्त साधना करने की प्रेरणा प्रदान की। दीक्षा प्रदाता मुनि सागर जी ने कहा कि रागमय जीवन की और तो हर कोई भाग रहा है। लेकिन वैराग्य धारण करने वाले विरले ही होते है। गणिनी आर्यिका संगम मति माता जी ने कहा कि संयम पूर्वक साधना के लिए दीक्षार्थी की अनुमोदना करते है।

*लाभार्थीजनो ने दीक्षार्थी को भेंट किये संयम के उपकरण*

त्रिमूर्ति ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक जैन मामा ने बताया कि दीक्षा के इस आयोजन में दीक्षार्थी के धर्म माता पिता बनने का सौभाग्य डॉ अक्षय कुमार ऋचा जैन मोड़ी ने प्राप्त किया। पिच्छिका लाभार्थी राजमल जैन खुपवाला परिवार, माला व कमंडल नीलेश कुमार हुकुमचंद जैन छाबड़ा परिवार देवास, शास्र भेंट विनोद कुमार धर्मचंद जैन नलखेडा, वस्त्र भेंट सत्येंद्र कुमार कोमलचन्द जैन प्रिंसिपल पिड़ावा व पाद प्रक्षालन अशोक कुमार कंठाली परिवार ने किया।

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