एसडीओपी डीएन यादव ने स्वदेशी के महत्व के साथ दिलाई अपनाने की शपथ
सुसनेर। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर वंदे मातरम् गीत के 150 वीं वर्ष पूर्ण होने आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमो के अंतर्गत स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संकल्प दिलाए जाने हेतु स्थानीय सांदीपनि स्कूल सुसनेर में कार्यक्रम आयोजित कर एसडीओपी देवनारायण यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में देश में बंद होने के कगार पर पहुंच रहे स्वदेशी उद्योग समझाते हुए विद्यार्थियों को स्वदेशी अपनाने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम शपथ लेते हैं कि अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी अपनाऊंगा, स्वदेशी खाऊंगा और स्वदेशी पहनूंगा। हम अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे। साथ ही अपने मित्रों और रिश्तेदारों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। अगर हम घर-घर स्वदेशी’ के संकल्प को जन-जन तक पहुँचाएंगे तो इससे स्वदेशी उद्योग और स्थानीय कौशल को बढ़ावा मिलेगा और हमारा देश भारत आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा। उन्होंने
शपथ के पीछे के कारण बताते हुए विद्यार्थियों को समझाया कि स्वदेशी अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और आत्मनिर्भरता बढ़ती है। यह भारत के स्वाभिमान और आत्मबल की अभिव्यक्ति है। तथा इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। और देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मार्केटिंग अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह कांवल ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में लोकतंत्र सेनानी संघ जिला उपाध्यक्ष गोवर्धन शुक्ला, भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार, तहसीलदार रामेश्वर दांगी, जनपद सीईओ जितेंद्र सिंह धाकरे, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकेश तिवारी, सांदीपनि स्कूल प्राचार्य नरेंद्र लोहार, जनपद सदस्य गोपालसिंह बगड़ावत एवं विक्रम चौहान थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक कमलेश राठौर ने किया एवं आभार नगर परिषद सीएमओ ओपी नागर ने किया।
इस अवसर पर शिक्षक पुनीत शुक्ला, नरेंद्र जोशी, संतोष गिरी, नगर परिषद लेखापाल जमीलुर्र रहमान, स्टोर कीपर अखलाक खान, राजस्व निरीक्षक रामेश्वर माली, नवीन जायसवाल, मुकेश जगताप सहित बड़ी संख्या नगर के शैक्षणिक संस्थान के छात्र छात्राएं और शिक्षक उपस्थित थे।
चित्र 1 : सुसनेर एसडीओपी देवनारायण यादव विद्यार्थियों को स्वदेशी अपनाने की शपथ दिलाते हुए।
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