धर्म जागरण : ढोलक की थाप और मंझिरो की झंकार पर युवा गा रहे सुंदर कांड की चौपाइयां*
*श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में प्रति शनिवार भजन कीर्तन कर सादगी से करते है पाठ*
सुसनेर। आधुनिकता की चकाचौंध में जहां युवा धर्म और कर्त्तव्य से भटक रहा है वही सुसनेर के कुछ नवयुवकों ने धर्म जागरण का संकल्प लिया है। ये युवा ढोलक की थाप और मंझिरो की झंकार के साथ सुंदर कांड की चौपाइयां गा रहे है। प्रति शनिवार रात्रि में नेशनल हाईवे स्थित श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में युवाओ की टोली सुन्दकाण्ड का पाठ कर रही है। न कोई साज न कोई बाजे न बड़े बड़े स्पीकर के कोलाहल सिर्फ ढोलक की थाप और मंझिरो की झंकार के बीच सादगी के साथ सुन्दकाण्ड का पाठ किया जा रहा है। शनिवार की रात्रि को देव प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर सुन्दकाण्ड पाठ का आयोजन कर प्रसादी वितरण की गई।
*दो माह पूर्व 3-4 युवाओ से प्रारम्भ हुए संकल्प का बड़ रहा स्वरूप*
दो माह पूर्व 3-4 युवाओ से प्रारम्भ हुआ जनजागरण के संकल्प का शंखनाद अब शनै-शनै अपना कारवाँ बड़ा रहा है। अब इस मंडली में उम्र दराज सहित यह संख्या 30 के लगभग पहुँच गई है। सुंदरकांड वाचक एवं भजन गायक पवन पंचोली व मंडली के सदस्य गिरिराज पाटीदार, चंकी शर्मा, सुनील शर्मा, गोवर्धन पुष्पद ने बताया कि सुंदरकांड का खर्च महज 700 रुपए आता है जिसमे सुन्दकाण्ड और प्रसादी वितरण भी हो जाता है।
*सुन्दकाण्ड पाठ से जीवन मे हो रहे सकरात्मक बदलाव*
मंडली के सदस्य गोकुल प्रसाद कारपेंटर, श्रीधर शर्मा, पवन जायसवाल, गोरधन कारीगर ने बताया कि शुरुआत से संगीत में रुचि है सुन्दकाण्ड में जाते थे। लेकिन आज कल सुंदरकांड का स्वरूप भव्य होकर अधिक खर्चीला हो गया है। बालाजी महाराज की प्रेरणा से मन में लगा कि भक्ति करते जन जागरण और धर्म का कार्य करना चाहिए तो श्री चिंताहरण बालाजी सुंदरकांड मंडली बनाकर मन्दिर में ही भजन किर्तन के साथ पाठ शुरू कर दिया। नाममात्र के कम खर्च में भरपूर आंनद के साथ सुंदरकांड सतत जारी है। इस कार्य से जीवन मे सकारात्मक बदलाव की अनुभूति हुई है।
*हनुमानजी की तरह युवाओ को उनकी शक्ति याद दिलाने का प्रयास*
सुंदरकांड वाचक एवं भजन गायक पवन पंचोली के अनुसार आज का युवा जल्द ही हतप्रभ होकर जीवन की चुनोतियो से हार मान बैठता है और निराश होकर आत्महत्या जैसे कदम भी उठा रहा है। तो वही कई युवा आधुनिक चकाचौंध में धर्म और संस्कारों से दूर हो रहे है। ऐसे में आज के वर्तमान समय मे युवाओ के लिए सबसे बेहतर प्रेरणास्रोत हनुमानजी है जो शक्ति याद दिलाने पर समुद्र लांघ गए थे वेसे ही आज के युवाओ को सही दिशा का ज्ञान व उनकी शक्ति याद दिलाना जरूरी है। सुन्दर कांड की प्रत्येक चौपाई एक प्रेरणादायक होकर आत्मविश्वास जाग्रत करती है।
*युवाओ का युवाओ से आव्हान* :
कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम पाहीं।” रामचरितमानस की ये पंक्तियां हमे सिखाती है की कभी भी मन में यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई कार्य असंभव है, प्रभु जीवन में परीक्षा भी जरूर लेंगे, परंतु हमको निरन्तर आगे बढ़ते रहना है और कहा गया कि सफल भी वही होता है जो निस्वार्थ भाव से रामकाज के कार्य एवं प्रभु की भक्ति में लगा रहता है
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