भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर कार्यकर्ताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित, -डॉ. मुखर्जी के बलिदान से आज भाजपा बनी विश्व की सबसे बडी पार्टी* विकास जैन
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर कार्यकर्ताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित, -डॉ. मुखर्जी के बलिदान से आज भाजपा बनी विश्व की सबसे बडी पार्टी* विकास जैन
*डॉ. मुखर्जी के संकल्प आज हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत है: श्री जैन*
गुना। 23/06/2025। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर सोमवार को भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सिकरवार के निर्देशन में जिले के सभी 21 ही मंडलों में पार्टी पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया। तो वही भाजपा जिला मीडिया प्रभारी एवं ऊमरी मंडल प्रभारी विकास जैन नखराली ने ऊमरी मंडल के बूथ क्रमांक 236 चकदेव पुर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके बलिदान को याद किया। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष मोहन बारेला ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर उपाध्यक्ष स्वतंत्र ओझा, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष मोहन नायक, अमित जैन, संजय ओझा, सरपंच सुमन विनोद खटीक, पूर्व सरपंच गोविंद बारेला, वीरेंद्र बारेला, उप सरपंच कमल राव सहित बड़ी संख्या में ऊमरी मंडल के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मंडल प्रभारी विकास जैन ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में “दो विधान, दो निशान, दो प्रधान का विरोध करते हुए 23 जून 1953 को वलिदान दिया। हमारी पार्टी वलिदान के आधार पर बनी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी हो गई हे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन हमें संदेश देता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। उनका जन्म छह जुलाई, 1901 को कोलकाता में श्री आशुतोष मुखर्जी एवं योगमाया देवी के घर में हुआ था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन हमें संदेश देता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। उन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा की। ऐसे राष्ट्रनायक का स्मरण करना मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र को सशक्त करने का माध्यम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर 1951-1952 की सरकार द्वारा लगाए गए कलंक को धोने का कार्य किया है। यह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्चे अर्थों में श्रद्धांजलि है। मैं अपनी ओर से डॉ. मुखर्जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। डॉ. मुखर्जी के संकल्प आज हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत है
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