आख़िर किसके भरोसे चल रहा शासकीय वेयरहाउस? 274 क्विंटल चावल ग़ायब, जिम्मेदार अधिकारी नदारद, कार्रवाई शून्य

राजेश माली सुसनेर

आख़िर किसके भरोसे चल रहा शासकीय वेयरहाउस? 274 क्विंटल चावल ग़ायब, जिम्मेदार अधिकारी नदारद, कार्रवाई शून्य

*नियमित निरीक्षण के बावजूद कैसे होता रहा बड़ा घोटाला?*

सुुसनेर । गरीबों के हक का राशन भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है। सुुसनेर के शासकीय वेयरहाउस से 274 क्विंटल चावल ग़ायब होने का मामला तीन महीने पहले सामने आया था, जिसकी पुष्टि प्रशासनिक जांच में हो चुकी है, फिर भी अब तक न किसी पर कार्रवाई हुई और न ही कोई जवाबदेही तय की गई। इससे न केवल शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि सरकार की साख पर भी संकट मंडराने लगा है।

दफ्तर चल रहा भगवान भरोसे, अधिकारी मुख्यालय में नहीं रहते उपस्थित

शासकीय वेयरहाउस की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। नियमों के अनुसार संबंधित अधिकारियों को मुख्यालय पर रहकर दफ्तर संचालन करना चाहिए, लेकिन यहां अधिकारी दोपहर 12 बजे आते हैं और शाम 3 या 4 बजे उज्जैन स्थित निजी निवास लौट जाते हैं। ऐसे में दफ्तर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। आम नागरिक जब जानकारी या समाधान के लिए कार्यालय पहुंचते हैं, तो उन्हें संतोषजनक जवाब तक नहीं मिलता।

*जांच में हुई पुष्टि, फिर भी ‘नो एक्शन’ नीति*

एसडीएम सर्वेश यादव को मिली शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुरेश गुर्जर और नायब तहसीलदार रामेश्वर दांगी की टीम ने स्टॉक रजिस्टर में भारी अनियमितता उजागर की थी। संदेह है कि यह चावल खुले बाजार में बेचा गया। इसके बावजूद आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी पर न निलंबन हुआ, न एफआईआर दर्ज हुई। कार्रवाई का सारा बोझ ‘भोपाल से रिपोर्ट आने’ पर डाल दिया गया है।

*सूत्रों का दावा – रोज़ाना राजस्थान जा रहे चावल से भरे ट्रक*

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रतिदिन चावल से भरे ट्रक सुसनेर से राजस्थान की ओर भेजे जा रहे हैं। यह चावल कहां से आता है और कैसे खुलेआम ले जाया जाता है यह प्रशासन की निष्क्रियता का जीवंत उदाहरण है। अगर नियमित निरीक्षण और स्टॉक रजिस्टर की जांच की व्यवस्था है, तो फिर इतनी बड़ी मात्रा में चावल का गायब होना केवल मिलीभगत का संकेत देता है।

*जनता में आक्रोश, सरकार की साख पर संकट*

स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों में प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि आम जनता की छोटी गलतियों पर कार्रवाई होती है, लेकिन बड़े अधिकारियों की अनदेखी पर प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह घोटाला भाजपा सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है

इनका कहना

“वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के गोदाम में चावल की कमी की जांच भोपाल वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है। कार्रवाई वहीं से होगी।”

 एसडीएम सर्वेश यादव, सुसनेर

“जांच प्रतिवेदन भोपाल भेजा जा चुका है। उचित कार्रवाई शीघ्र की जाएगी।”

नारायण सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी, आगर

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