राष्ट्र की चिंता करने वाले हिन्दू समाज को एक करने हेडगेवार जी ने की आरएसएस की स्थापना- पाटीदार

राजेश माली सुसनेर

राष्ट्र की चिंता करने वाले हिन्दू समाज को एक करने हेडगेवार जी ने की आरएसएस की स्थापना- पाटीदार

डॉ हेडगेवार तरुण व्यवसायी प्रभात शाखा के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सुसनेर। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की डॉ हेडगेवार तरुण व्यवसायी प्रभात शाखा का वार्षिक उत्सव कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम नगर के नवीन बस स्टैंड के समीप स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित संघ के खंड संघ संचालक द्वारकीलाल पाटीदार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सदियों से विदेशी आक्रांताओं की दासता झेल रही भारत माता को स्वतंत्र कराने के लिए डॉ हेडगेवार जी ने राष्ट्र की चिंता करने वाले हिंदू समाज को एक करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना करके किया है। विभिन्न जातियों, पंथों, विचारों में विभाजित हिन्दू समाज को एक करने के लिए हेडगेवार जी ने आरएसएस का बीजारोपण किया जो आज एक विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा होकर अपना शताब्दी वर्ष बना रहा है। शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ ने पंच परिवर्तन के पांच संकल्प लेने का आव्हान किया है। कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण स्वालम्बन, नागरिक आचरण और स्व का बोध अर्थात स्वदेशी है। उन्होंने इन पंचों संकल्पों को दैनिक जीवन मे करणीय कार्य समझाते हुए राष्ट्र निर्माण में इनका महत्व बताया है। उन्होंने कहा कि इन पांच संकल्पो की अपनी-अपनी भूमिकाएं है। जिनका निर्वहन कर सम्पूर्ण समाज की सहभागिता से राष्ट्र को परम वैभव पर पहुँचाने का मार्ग को प्रशस्त करे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक कमलेश कुमार सिन्हा ने की। शाखा कार्यवाह सुरेश कुमार जोशी भी मंचासीन रहे। अतिथि परिचय नगर कार्यवाह सर्वेश कंठाली ने कराया। एकल गीत डॉ जितेंद्र श्रोत्रिय, सामुहिक गीत जितेंद्र गेहलोत व अमृत वचन शैलेंद्र जगताप ने लिया।  इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित

रहे।

स्वयंसेवकों ने किया विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन

कार्यक्रम में प्रभात शाखा के स्वयंसेवको द्वारा पूर्ण गणवेश में संघ स्थान पर वर्षभर के अभ्यास व गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान मुख्य शिक्षक टेकचंद गेहलोत के संचालन में स्वयं सेवको ने पूर्ण अनुशासन के साथ परम पवित्र भगवा ध्वज की प्रदक्षिणा कर विभिन्न शारीरिक कार्यक्रम जैसे योग, आसन, सूर्यनमस्कार, दंड के प्रयोग, गण समता, सामुहिक समता, पद विन्यास, गीत का प्रदर्शन किया।

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