परिवार में सुख समृद्धि की कामनाओं को लेकर किया शीतला माता का पूजन ठंडे पकवानों से लगाया जाता है भोग
*नगर परिषद ने मंदिरों के आसपास की सफाई व लाइट की व्यवस्था की*
*सुसनेर थाना प्रभारी केसर राजपूत ने महिलाओं के लिए कानून व्यवस्था की व्यवस्था की*
*सुसनेर शीतला माता का प्राचीन मंदिर कंठाल नदी किनारे वर्षों पुराना एकमात्र मंदिर है जहां सुसनेर नगर के सभी वार्ड की महिलाओं द्वारा शीतला माता मंदिर में शीतला सप्तमी के दिन पूजन अर्चना कर पकवानों का भोग लगाया जाता है*
*बताया जाता है कि शीतला सप्तमी पर्व पर महिलाएं द्वारा परिवार में सुख समृद्धि तथा योग वर की कामनाओं को लेकर शीतला माता की पूजा अर्चना कर भोग लगाकर परिवार में सभी को ठंडा भोजन करवाया जाता है नगर के यहां प्राचीन शीतला माता मंदिर वर्षों पुराना है , जहां गुरुवार की रात्रि से ही महिला 12:00 बजे से पूजन के लिए भारी संख्या में एकत्रित हो जाती है जहां प्राचीन शीतला माता मंदिर में रोशनी से सजाया जाता है आकर्षित संघार भी किया जाता है महिला द्वारा वहां पहुंचकर पूजा अर्चना के साथ परिवार की सुख समृद्धि की कामना हेतु विभिन्न पकवानों का भोग लगाया जाता है पूजन के बाद महिला कंठल नदी की स्थिति खेड़ापति हनुमान मंदिर मठ में तथा वही समीप खोखली माता का मंदिर है वहां पर भी पुजन करतीं हैं व प्रवेश द्वार की दीवारों पर हल्दी कुमकुम के छापे लगाए जाता है*
*नगर के लगभग सभी हिंदू परिवार में गुरुवार को विभिन्न पकवानों के साथ भोजन की तैयारी की जाती है तथा शुक्रवार को घर में चूल्हा नहीं जलाते हैं सभी को ठंडा भोजन ही ग्रहण करना पड़ता है बताया जाता है कि शीतला सप्तमी को पूजन करने की परंपरा युगो युगो से चली आ रही है शीतला सप्तमी को शीतला माता का पूजन करने से परिवार में सुख समृद्धि की कामना को लेकर सीतला माता का पूजन ठंडे पकवानों से भोग लगाकर किया जाता है*
* नगर परिषद अधिकारी ओ पी नागर के द्वारा मंदिर के मार्गों पर लाइट की व्यवस्था टेंट की व्यवस्था विशेष साफ सफाई एवं पुलिस सुरक्षा हेतु थाना प्रभारी सु श्री केशर सिंह राजपूत द्वारा पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की जाती है जिससे नगर के समस्त महिला शीतला माता की पूजन अर्चना करने हेतु किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पडे*
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