सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन, पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह ने किया कथावाचक का सम्मान

राजेश माली सुसनेर

सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन, पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह ने किया कथावाचक का सम्मान

*सुसनेर। नगर के समीपस्थ देवी अहिल्याबाई द्वारा स्थापित श्री नीलकंठ महादेव मंदिर मोरुखेड़ी में शनिवार 11 जनवरी से मन्दिर समिति एवं आसपास के ग्रामवासियों द्वारा श्रीधाम वृंदावन मथुरा के प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक पण्डित सत्यम द्विवेदी के मुखारबिंद से सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का प्रारम्भ किया गया था। नीलकंठ महादेव मोरुखेड़ी भागवत कथा आयोजन समिति के ग्राम नाहरखेड़ा निवासी कालूसिंह चौहान ने बताया कि कथा प्रारम्भ के एक दिन पूर्व शुक्रवार 10 जनवरी को कलश यात्रा का भी आयोजन किया गया था। शुक्रवार को सात दिवसीय भागवत कथा समापन पर पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह, प्रतिनिध भाजपा सोश्यल मीडिया जिला संयोजक आदि ने कथावाचक पण्डित सत्यम द्विवेदी का हारफुल माला पहनाकर एवं शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया

*श्रीमद् भागवत कथा वाचन के अंतिम दिन श्रीधाम मथुरा वृंदावन से पधारे पण्डित सत्यम द्विवेदी ने भगवान श्रीकृष्ण के संपूर्ण जीवनवृत पर चर्चा की और इससे मिली सीख को अपने जीवन में उतारने की नसीहत दी। पण्डित द्विवेदीजी ने श्रीकृष्ण और उनके पुत्रों के बीच के एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार श्रीकृष्ण अपने पुत्रों के साथ ही जा रहे थे। इसी बीच एक कुंए में एक गिरगिट देख श्रीकृष्ण के पुत्र रुक गए। बच्चों ने तोतली आवाज में कहा कि कुंए में कोई बड़ा जानवर गिरा पड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते ही गिरगिट अपने स्वरूप में आ गया और कहा कि मैं राजा हूं और मैंने अपने जीवनकाल में सिर्फ दान किया। लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से आज मेरा स्वरूप बदल गया है। अपने अभिमान में मैंने एक ब्राह्माण का अपमान कर दिया। जिससे मेरी यह दुर्गति हुई। भगवान श्रीकृष्ण ने बच्चों को कहा कि सत्कर्म करना बेहद अच्छी बात है लेकिन अभिमान में चूर होना गलत। पण्डित द्विवेदीजी ने श्रोताओं से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र की भांति भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से सीख लेकर हम खुद के जन्म को धन्य बना सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धा से किसी भी जीव की सेवा करने वाले कभी दुख नहीं भोगते। कथा वाचन कार्यक्रम के अंतिम दिन श्री नीलकंठेश्वर महादेव मोरुखेड़ी मन्दिर परिसर में श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी*

About Author

Categories: ,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!