स्वच्छता के मार्ग का सबसे बडा प्रतिरोध प्लास्टिक

राजेश माली सुसनेर

स्वच्छता के मार्ग का सबसे बडा प्रतिरोध प्लास्टिक

स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के तहत कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व और जिला पंचायत सीईओ श्रीमती हरसिमरनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में स्वच्छता ही सेवा थीम स्वभाव स्वच्छ, संस्कार स्वच्छ हेतु जारी कैलेंडर अनुसार जिला समन्वयक- एसबीएम पवन स्वर्णकार के निर्देशन शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय खेरिया में स्वच्छ जीवन शैली पर आधारित भारत स्काउट एवं गाइड और यूनिसेफ के सहयुक्त तत्वदान में संचालित प्रोजेक्ट क्लैप स्वच्छता गतिविधियो के लिए स्काउट मास्टर सह नवाचारी शिक्षक भेरूलाल ओसारा के द्वारा वेस्ट सामग्री के माध्यम से किस प्रकार पुनः चक्रण कर साज सज्जा के सामग्री निर्माण कर सकते हैं और सिंगल यूज प्लास्टिक के इग्नोर कर किस प्रकार स्थाई सामग्री को उपयोग कर अपनी जीवन को प्लास्टिक मुक्त और स्वभाव स्वच्छता और संस्कार स्वच्छता के संदेश को जनसमुदाय लागू कर प्लास्टिक के कलंक को कम कर स्वच्छ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं

इसके लिए स्वच्छता के मार्ग का सबसे बडा प्रतिरोध प्लास्टिक से कम करने के लिए बच्चो द्वारा नैतिक शिक्षा के कालखंड में बच्चो के समक्ष कुछ उदाहरणों के द्वारा प्लास्टिक को न कहने की बात कही जैसे प्लास्टिक बैग के स्थान पर कपड़े के का उपयोग करना,प्लास्टिक बोतल के स्थान पर स्टील या मिट्टी के साधनों का उपयोग करना,प्लास्टिक डिस्पोजल के स्थान पर स्टील के ग्लास का उपयोग करना,प्लास्टिक के खिलौने के साधन पर पुनः चक्रित प्लास्टिक निर्मित खिलौनों का उपयोग करना आदि के द्वारा बच्चो में इको फ्रेंडली संसाधनों के निर्माण का संदेश दिया जिसमे में बच्चो ने उत्साह पूर्वक भाग लिया इस अवसर पर संस्था प्रभारी अशोक बामनिया, भूपेंद्र सिंह झाला,कैलाशचंद्र दांगी, त्रिलोकचंद पाटीदार और श्रीमती रेखा दांगी उपस्थित रहे

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