21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष :शासकीय सेवा के साथ निशुल्क योग शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा कर रहे है हरीश कुमार श्रीवास्तव 50 सालों से योग के माध्यम अनेक लोगो के असाध्य रोगों को भी कर चुके ठीक

राजेश माली सुसनेर की खबर

21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष :शासकीय सेवा के साथ निशुल्क योग शिक्षा के माध्यम से समाज की सेवा कर रहे है हरीश कुमार श्रीवास्तव 50 सालों से योग के माध्यम अनेक लोगो के असाध्य रोगों को भी कर चुके ठीक

 

सुसनेर। भारतीय संस्कृति में योग का कितना महत्व है और योग का लोगों के जीवन पर कितना प्रभाव पड़ता है। यह पिछले पांच दशकों से जाने माने योगाचार्य हरीश कुमार श्रीवास्तव लोगों को अपनी शासकीय सेवा के अतिरिक्त समाज की निशुल्क सेवा कर योग के माध्यम सिखा और बता रहे हैं। हरीश श्रीवास्तव 19 साल की उम्र में पिछले 50 सालों से लगातार योग साधना में जुटे हैं।

मध्यप्रदेश और देश के अन्य राज्यो के कई शहरों में लोगों को योग का प्रशिक्षण दे चुके योगाचार्य हरीश श्रीवास्तव आज भी लगातार सक्रिय हैं और सैंकड़ों लोग उनसे योग सीख रहे हैं। योग साधना सिखाने के अलावा योगाचार्य कई मुश्किल रोगों का इलाज भी योग के जरिए करते हैं। अपनी 50 साल की योग साधना के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुके हैं। *कैसे शुरू की योग साधना*

 

योगाचार्य हरीश कुमार श्रीवास्तव बताते हैं, ”मुझे बचपन से ही योग, व्यायाम और अखाड़े में जाने का शौक था। योगाचार्य हरीश कुमार श्रीवास्तव का जन्म आगर जिले की नलखेड़ा तहसील के एक छोटे से गोंदलमऊं गांव में स्व. मदनलाल श्रीवास्तव के यहां 5 सितंबर 1955 में हुआ था।आपकी रुचि बचपन से ही योग, पढ़ाई, अध्यात्म और साधु संतों की सेवा करने में रही है। अपने योग की साधना में 1974 से पूर्ण रूपेण समर्पित होकर लग गए थे। आपका अध्ययन विभिन्न स्थानों पर वह नगरों में हुआ। जैसे उज्जैन, शिवपुरी, बड़नगर, पुणे, आगर। आपने पढ़ाई में अनेक डिग्रियां प्राप्त की है।एम.ए. (हिंदी, राजनीति, योग) बीएड, एल.एल. बी., डी.पी.एड, गुजराती व उर्दू भाषा में डिप्लोमा, ज्योतिष शास्त्री की है।

अपने लगभग हर पद्धति से योग विद्या को सीखा है। कई बड़े-बड़े नगरों में संस्थाओं के माध्यम से योग का प्रशिक्षण शिविर लगा कर लोगो को निःशुल्क योगाभ्यास दिया गया है। जैसे मध्यप्रदेश में उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर सहित देश अन्य राज्यो के हैदराबाद, रुचिरापल्ली, राजस्थान, असम, महाराष्ट्र आदि में योग का निशुल्क प्रशिक्षण देकर लोगो के जीवन, स्वास्थ्य एवं अव्यवस्थित दिनचर्या को योग के माध्यम से व्यवस्थित किया है। अपने आगर नगर में लोगों को स्वस्थ रखने हेतु 1999 से श्री ऊं योग केंद्र की स्थापना की है। जिसमे निशुल्क कई अस्वस्थ लोगों को योग को सिखा कर स्वस्थ किया है। आज तक यह केंद्र चल रहा है।

*अन्य जगह भी दे रहे है सेवा*

वर्तमान में आपके पास मध्य प्रदेश योग आयुक्त के सदस्य के नाते दायित्व भी है वह कक्षा 6 व 7 की सहायक वाचन पुस्तक में योग पाठ्यक्रम बनाने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वह विद्या भारती जो विश्व की सबसे बड़ी अशासकीय शिक्षण संस्था है। उसमें कई वर्षों तक अखिल भारतीय संयोजक योग शिक्षा का दायित्व भी निर्वाण कर चुके हैं कई वर्षों तक शासकीय योग प्रतिस्पर्धा में निर्णय का वह संयोजक का दायित्व भी निर्वाह कर चुके हैं।

*राजधानी में भी हुए योग के लिए सम्मानित*

तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी उनके योग के प्रति उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए उन्हें भोपाल बुलाकर 26 जनवरी 2015 को राष्ट्रीय पर्व पर सम्मानित किया था।

चित्र 1 : योगाचार्य हरीश कुमार श्रीवास्तव योग के माध्यम से राजस्थान के स्कूल के बच्चों को निःशुल्क सेवा देते हुए।

चित्र 2 : योग के माध्यम से समाज की सेवा करने पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा सम्मानित करते हुए मंत्री एवं कलेक्टर।

चित्र 3 : इनसेट में हरिश कुमार श्रीवास्तव।

चित्र 4 : तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी उनके योग के प्रति उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए उन्हें भोपाल बुलाकर सम्मानित किया था”।

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