सुसनेर। नगर में करीब 71 वर्ष से अधिक समय से रंगपंचमी के अवसर पर चली आ रही मूर्ख सम्मेलन की परंपरा को आज भी कुछ लोग जिंदा रखे हुए है।
नगर में होली और रंगपंचमी के त्योहार के अवसर पर सर्वप्रथम मूर्ख सम्मेलन का आयोजन इतवारिया बाजार में मालवी कवि एवं वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण शुक्ला द्वारा करीब 71 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया था। इसमें नगर के जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, व्यापारियों एवं गणमान्य नागरिकों को तुकबंदी के माध्यम से मूखों की उपाधि दी जाती थी। उनके निधन के बाद उनके पुत्र गोवर्धन शुक्ला एवं मांगीलाल सोनी ने ये परंपरा कायम रखी। फिर उनके बाद कुछ समय ये परम्परा बन्द रही। फिर सन 2000 में पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष स्वर्गीय महेश भावसार ने उस समय के नगर परिषद अध्यक्ष राणा विक्रमसिंह, पूर्व पार्षद फ़क़ीरमोहम्मद खान, मांगीलाल सोनी, घनश्याम गोयल के सहयोग से इस परंपरा को स्टेट बैंक चौराहे पर प्रारम्भ किया गया। फिर उनके निधन के बाद उनके छोटे भाई सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार ने नगर के कवि घनश्याम गौयल, दिलीप जैन सारँगयाखेड़ी, लक्ष्मणसिंह कांवल एवं टेकचंद गहलोत के सहयोग से हनुमान छतरी पर जीवित रखा। इन सबने मिलकर समय समय पर इस मूर्ख सम्मेलन में आधुनिकता का परिवेश होता रहा है। पहले रँगपंचमी पर आयोजित मूर्ख सम्मेलन में प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियों का दूसरे दिन पेम्पलेट छपवाकर वितरित किया जाता था जो श्वेतश्याम होकर बिना फोटो युक्त होता था। परन्तु आज इस मूर्ख सम्मेलन के पर्चे चिकने एवं मोटे कागज पर सचित्र होकर रंगबिरंगे रूप में समाचार पत्रों के माध्यम से नगर के घर घर पहुचाये जाते है जिनका लोगो को साल भर से बेसब्री से इंतजार रहता है। इन रंगीन पर्चो में क्षेत्र के राजनेताओं, व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ विशिष्ट गणमान्य नागरिकों को दी गयी उपाधियों को पड़कर घरों में पूरे परिवार के लोग कई दिनों तक गुदगुदाते रहते है और अपना स्वस्थ मनोरंजन मूर्ख सम्मेलन के इन पर्चो के माध्यम से करते है। इस बार भी रँगपंचमी पर ये मूर्ख सम्मेलन शनिवार 30 मार्च को दोपहर 12 बजे स्थानीय पुराने बस स्टैंड पालिका बाजार स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक में यह आयोजन किया जाएगा। समय के साथ इस मूर्ख सम्मेलन में आधुनिकता का संचार के साथ साथ अब आयोजको द्वारा इस मूर्ख सम्मेलन को सुनने आये लोगो के लिए टेंट, शामियाने एवं कुर्सियों की व्यवस्था के साथ जलपान की भी व्यवस्था की जाती है। नगर के कवि घनश्याम गोयल, दिलीप जैन सारंग्याखेड़ी, लक्ष्मणसिंह कांवल, टेकचंद गहलोत एवं विष्णु भावसार के सहयोग द्वारा आयोजित उक्त मूर्ख सम्मेलन में समय के साथ आधुनिकता का परिवेश इस बार भी किया गया है।
इस बार इनकी भी रहेगी खास प्रस्तुति-
नगर के गायक कलाकारों सुनील बांगड़, लोकेंद्र सिंह तोमर, अरुण भाटी, राजेश सोनी सहित ललित सांवला एंड टीम के सदस्य दीपक जैन, भूपेंद्र सांवला, आशीष त्यागी, कुलदीप चौधरी, सुरेश टेलर आदि द्वारा मूर्ख सम्मेलन के पूर्व गीतों की प्रस्तुति शनिवार को सुबह 11 बजे से दी जाएगी।
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