उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन का अलाइनमेंट सर्वे पूरा, डीपीआर जुलाई तक तैयार होगी

राजेश माली सुसनेर

उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन का अलाइनमेंट सर्वे पूरा, डीपीआर जुलाई तक तैयार होगी

सुसनेर।उज्जैन-आगर-झालावाड़ तक नई रेलवे लाइन का अलाइनमेंट सर्वे कार्य तो पूरा हो गया है। लेकिन लोकेशन सर्वे (एफएलएम) के आधार पर डीपीआर तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा। हालांकि रेलवे का दावा है कि जुलाई तक डीपीआर तैयार कर दी जाएगी।

मई में पूरा होने वाले सर्वे की तारीख फिर से इसलिए बढ़ाई है, क्योंकि रेलवे ने सिंहस्थ की तैयारियों के क्रम में अपनी प्राथमिकता नागदा-रतलाम की फोरलेन रेलवे लाइन के सर्वे को दे रखी है। यह पूरा होने के बाद नागदा-मथुरा रेलवे लाइन के सर्वे पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में उज्जैन-आगर-झालावाड़ नई रेल लाइन के एफएलएस के आधार पर डीपीआर का काम थोड़ा देरी से होगा। संभवतया जुलाई तक सर्वे पूरा करने के बाद इसकी रिपोर्ट अगस्त में रेलवे बोर्ड के समक्ष रख दी जाएगी। बोर्ड अपने स्तर पर इसका परीक्षण करवाएगा। इसके बाद स्वीकृति मिलती है तो इस प्रोजेक्ट की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इस रूट पर रेलवे परिवहन पुनः शुरू होने से मध्यप्रदेश, राजस्थान-दिल्ली व मुंबई से कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी।

1932 में भी उज्जैन-आगर रेलवे लाइन थी, 1975 में बंद हो गई थी।

मार्च 1932 में ग्वालियर स्टेट द्वारा उज्जैन से आगर तक नैरोगेज रेल चलाई गई थी। भाप के इंजन से चलने वाली रेल में 7 डिब्बे होते थे। ये धीमे चलती थी।

उज्जैन से आगर तक का सफर करीब 4 घंटे में तय होता था, तब ये नैरोगेज ट्रेन मुख्य रूप से गांव वालों के लिए आवागमन का प्रमुख साधन थी, क्योंकि तब बसें भी कम चलती थी और सड़के भी अभी की तरह डेवलप नहीं थी।

1975 में यह रेल लाइन बंद हो गई। पिछले कई सालों से इस रेल लाइन पुनः शुरू करने की मांग उठती रही। इसकी मांग को लेकर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार ने सन 2018-19 में लोकसभा चुनाव से पहले पूरे जिले में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उज्जैन झालावाड़ एवं शामगढ़ हरदा रेलवे लाईन की मांग के साथ उज्जैन चँवली मार्ग की चौड़ाईकरण की मांग इन पत्रों को जिले की आम जनता, स्कूली बच्चों, सामाजिक संगठनो, अधिकारी कर्मचारी एवं स्कूली बच्चों के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय भिजवाया था।

ये होंगे फायदे… उज्जैन महाकाल व मां बगलामुखी पहुंचने में होगी आसानी

उज्जैन-इरालावाड़ नई रेल लाइन से आवागमन सुविधा बढ़ेगी। व्यापार में भी ग्रोथ होगी। वहीं आगर-सुसनेर-झालावाड़ के लिए इंदौर से सीधा रेल मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। उज्जैन-दिल्ली की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही महाकाल व शक्तिपीठ मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा पहुंचने में भी भक्तों को आसानी होगी और रेल लाइन किनारे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

नई रेल लाइन के लिए अब आगे यह प्रयास और यह स्थिति

सांसद अनिल फिरोजिया के आग्रह पर फरवरी 2024 में मांग की थी। उससे पूर्व 2023 में आगर जिले की इतनी तादाद में 2019 में भेजे गए मांगपत्रो को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने 2023 के विधानसभा की चुनावी सभा को शाजापुर में सम्बोधित करते हुए इस लाईन को स्वीकृति की बात की थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी शाजापुर की विधानसभा चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए शामगढ़ हरदा रेलवे लाईन की 45 वर्ष पुरानी फ़ाइल को खोलने की बात कही थी। इसी तारतम्य में हुए उज्जैन-आगर- झालावाड़ रेल लाइन निर्माण के लिए एफएलएस के आधार पर डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दी है।

केंद्र ने इसके लिए 4.75 करोड़ रुपए मंजूर किया कोटा मंडल ने एमएलएस के को लिए वर्क ऑर्डर हैदराबाद की फर्म जारी किए थे। डीपीआर 31 दिसंबर 24 तक पूरी हो गई थी।

परन्तु देरी होने से डेडलाइन बढ़ाई जाती रही अप्रैल के बाद मई और अब जुलाई डेडलाइन बताई जा रही है। वह इस सर्वे के बीच रेलवे की प्राथमिकताएं बदल जाना बताया जा रहा है।

ये भी माना जा रहा है कि अब इस रेल लाइन के लिए बजट बढ़कर 4000 से 5000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। यदि ऐसा हुआ तो नीति आयोग से भी स्वीकृति अनिवार्य हो जाएगी।

इन तमाम परिस्थितियों के बीच माना जा रहा है कि जुलाई तक सर्वे पूरा होने के बाद अगस्त में ये फाइनल लोकेशन सर्वे रिपोर्ट डब्ल्यूसीलार के समक्ष प्रस्तुत होगी।

उनकी टीम अपने स्तर पर इसका परीक्षण करेगी। इसके बाद जरूरी संशोधन करके इसे स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। वहां से आदेश होने पर रेलवे लाइन के लिए मौके पर काम शुरू हो जाएगा।

डीपीआर बनने से यह पता चलेगा पटरी बिछाने, पुल-पुलिया-अंडर पास स्टेशनों के निर्माण आदि के लिए जरूरी उपयुक्त जमीन कहां-कहां है।

अलाइनमेंट सर्वे कार्य पूरा हो गया है डीपीआर रिपोर्ट भेजने में समय लगेगा

“झालावाड़ नाका इनमेंट सर्वे कार्य तो पूरा हो गया है, लेकिन फाइनल डीपीआर रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को भेजी जाएगी।

उसमें समय लगेगा।”- गौरव मिला, सोई कंस्ट्रकार सेलचे कोटा मंडल

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