धूमधाम से मनाया जा रहा भुआणा गणगौर महोत्सव, महिलाओं ने भजन पाती खेलकर दिए झालरिए।
हरदा जिले के ग्राम मुहाल कलां में भुआणा गणगौर महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, यहां 22 अप्रैल मंगलवार से पाठ बैठना (घट स्थापना) के साथ गणगौर महोत्सव की शुरुआत हुई। यह महोत्सव 22 से 30 अप्रैल तक मनाया जाएगा। भुआणा क्षेत्र में यह त्योहार नौ दिनों तक बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। जिला मुख्यालय सहित गांवों में गणगौर उत्सव का आयोजन हो रहा है। वहीं आयोजक परिवार के महेश सो. चंद्रकांति बाई, दिलीप सौ. रंजना, आमे परिवार द्वारा ग्राम मुहाल कलां में गणगौर महोत्सव मनाया जा रहा है, इसको लेकर परिवार में भारी उत्साह है। वहीं गांवों में विद्युत सामग्री लाइटिंग से भव्य पंडाल सजाए गए हैं। रात में गणगौर मंडलियां भजन और नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं। गणगौर माता का पाठ भी किया जा रहा है। नौ दिवसीय इस महोत्सव में पुरुष मंडलियां गीतों के साथ झालरे और स्वांग जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत करते है, तो वहीं महिलाएं गौर बाई दिन में पाती खेलने (गीत भजन) के लिए आम के पेड़ के नीचे गणगौर माता रनुबाई के भजन करती है।
वहीं दयाराम आमे मुहाल कलां निवासी ने बताया कि, गणगौर पर्व सामाजिक रिश्तों की मजबूत कड़ी है। यह हिंदू धर्म के मूल आराध्य भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना का त्योहार है। इस पर्व में गोरा मैया रनुबाई और महादेव धनियर राजा के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। यहां मालवा-निमाड़-भुआणा की साझी संस्कृति इस महोत्सव में झलकती है। यहां कन्याएं और महिलाएं परंपरागत नृत्य करती हैं। 30 अप्रैल को ज्वारों के विसर्जन के साथ गणगौर उत्सव का समापन होगा। जिले में गणगौर महोत्सव का आयोजन 9 दिवसीय महोत्सव होता है। लेकिन कुछ परिवारों में नवमें दिन सजाए जाने वाले रथ को रोक कर दसवें दिन ज्वारा विसर्जन किया जाता है।
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