उज्जैन सांसद के निरीक्षण में उजागर हुई शासकीय स्कूल की बदहाली, मध्यान्ह भोजन में निकली बड़ी खामी, नवीन भवन निर्माण हेतु राशि भी प्रदान करने के दिये निर्देश

इरफान अंसारी उज्जैन

उज्जैन सांसद के निरीक्षण में उजागर हुई शासकीय स्कूल की बदहाली, मध्यान्ह भोजन में निकली बड़ी खामी, नवीन भवन निर्माण हेतु राशि भी प्रदान करने के दिये निर्देश

उज्जैन।

प्रदेशभर के शासकीय और निजी स्कूलों में आज से नया शैक्षणिक सत्र आरंभ हो चुका है। इसी के तहत उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने शहर के जवाहर नगर क्षेत्र स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्कूल की दुर्दशा देख सांसद न केवल हैरान रह गए बल्कि मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए।

स्कूल की जमीनी हकीकत देख भड़के सांसद

निरीक्षण के दौरान सांसद अनिल फिरोजिया को यह देखने को मिला कि विद्यालय भवन में छात्रों को पढ़ाई के लिए उचित कक्ष तक उपलब्ध नहीं हैं। स्कूल के शिक्षक छात्रों को पास की धर्मशाला की दीवार पर बनाए गए एक सीमेंट बोर्ड के सहारे पढ़ा रहे थे। यह दृश्य देखकर सांसद गुस्से में आ गए और तत्काल कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को फोन कर लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की।

सांसद ने बताया कि विद्यालय में टीन शेड के नीचे बच्चे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। इतनी विषम परिस्थितियों में भी शिक्षक अपने संसाधनों से छात्रों को पढ़ा रहे हैं, जो व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि विद्यालय भवन निर्माण के लिए उन्होंने राशि भी स्वीकृत की है,

मध्यान्ह भोजन में निकली गंभीर खामियां

सांसद अनिल फिरोजिया ने मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की, जिसमें उन्हें भारी अनियमितताएं देखने को मिलीं। उन्होंने बताया कि आज के मेन्यू में बच्चों को दाल, आलू की सब्जी और रोटी परोसी गई थी, लेकिन जब उन्होंने खुद भोजन की जांच की तो पाया कि दाल में दाल नहीं थी, आलू की सब्जी में आलू नहीं थे और रोटियों की गुणवत्ता बेहद खराब थी।

सांसद ने कहा कि सब्जी और दाल को एकसाथ मिलाने के बाद भी स्वाद ऐसा था जैसे बच्चों को नमक के पानी के साथ रोटी परोसी जा रही हो। इस लापरवाही पर उन्होंने तत्काल जिला पंचायत सीईओ को फोन कर निर्देश दिए कि मध्यान्ह भोजन सप्लाई कर रही संस्था पर कड़ी कार्यवाही की जाए।

शिक्षा विभाग ने भी मानी खामियां

निरीक्षण के दौरान मौजूद जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया कि मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब थी। उन्होंने भी मामले की गंभीरता को मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की बात की है।

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