लाॅक डाउन की याद दिला गया ऐतिहासिक नगर बंद, निराश्रित गोवंश के लिए सड़को पर उतरे लोग सुबह से लेकर शाम तक नगरवासियो ने स्वेच्छा से बंद रखे प्रतिष्ठान, जरूरत की सामग्री के लिए तरसे लोग

राजेश माली सुसनेर

लाॅक डाउन की याद दिला गया ऐतिहासिक नगर बंद, निराश्रित गोवंश के लिए सड़को पर उतरे लोग सुबह से लेकर शाम तक नगरवासियो ने स्वेच्छा से बंद रखे प्रतिष्ठान, जरूरत की सामग्री के लिए तरसे लोग

सुसनेर। सर्व समाज की आस्था गोवंश को संरक्षित करने की मांग को लेकर सोमवार को नगरवासियों के आह्वान पर सुसनेर नगर पूर्ण रूप से बंद रहा। सड़को पर भटक रहे निराश्रित गोवंश को गो-अभ्यारण सालरिया एवं क्षेत्र की गोशालाओ में भेजे जाने को लेकर सुबह से लेकर शाम तक आयोजित बंद ने एक बार फिर से लोगो को लाॅकडाउन की याद दिला दी।

बंद के समर्थन में जरूरत के वस्तुओ के रूप में आने वाली सब्जी की दुकाने, डेयरी दुकानो के अलावा इमरजेंसी सुविधाओ में शामिल मेडीकल व्यवसाईयों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रख अपना विरोध जताया। शाम 4 बजे ईतवारिया बाजार से जुलूस निकालकर सांई तिराहे पर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम मिलिंद ढोके को दिया गया। ज्ञापन में विभिन्न बिंदुओं की मांगे प्रशासन के समक्ष रखी गई जिसमें कई मांगो पर प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वीकृति जताई।

साथ ही गोवंश को गोअभ्यारण भेजे जाने का कार्य तेजी से किए जाने की आश्वासन भी दिया। आंदोलन के बीच प्रशासनिक स्तर पर दिनभर हलचल मची रही। सुबह से लेकर एएसपी िनशा रेड्डी, एसडीएम मिलिंद ढोके, एसडीओपी देवनारायण यादव, अजाक्स महिला थाना प्रभारी, सीआईडी की टीम, तहसीलदार विजय सेनानी, नायब तहसीलदार रामेश्वर दांगी, पशु चिकित्सा विभाग, सीएमओ अोपी नागर बडी संख्या में पुलिस बल के साथ जायजा लेते रहे।

इसलिए पनप रहा है आक्रोश

हमारे मालवा क्षेत्र में दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। िवश्व का प्रथम गो अभ्यारण जिस क्षेत्र में है उसी क्षेत्र में गायो सड़को पर भटकने को मजबूर हो रही है। सुसनेर क्षेत्र की करीब 3 हजार बीघा जमीन पर फेले गो अभ्यारण और 36 गोशालाओ के संचालन के बावजूद सुसनेर नगर में गोवंश दर-दर भटक रहा है। इन गो अभ्यारण व गोशालाओ के बावजूद क्षेत्र की गायो को इनमे न रखकर अन्य क्षेत्रो व प्रांतो की िवभिन्न प्रजाति की गायो को रखा जा रहा है। जिससे लोगो में लगातार आक्रोश बढा है।

बंद का रहा असर, प्रशासन आया हरकत में

सोमवार को नगर बंद का असर यह रहा की सोमवार की सुबह से ही प्रशासन नगर परिषद के अमले से गायो को एकत्रित करने में जूट गया। कृषि उपज मंडी परिसर में एकत्रित कर गायो को अभ्यारण भेजा गया। एसडीएम मिलिंद ढोके ने बताया की सोमवार को 56 गायो को अभ्यारण भेजा गया है। आगे भी यह कार्य सतत जारी रहेगा।

हर हाल में संरक्षित हो गोवंश

सांई तिराहे पर वरिष्ठ समाजसेवी व व्यापारी चतुर्भुजदास भूतड़ा, पत्रकार मांगीलाल सोनी, लक्ष्मण सिंह कावल, विष्णुप्रसाद पाटीदार, राणा चितरंजन सिंह, विहीप व बजरंग दल के भरत भावसार, महेश शर्मा, इरशाद मोहम्मद कुरेशी, आशिक हुसैन बोहरा आदि ने सम्बोधित करते हुएं प्रशासन से कहां की हर हाल में क्षेत्र का गोवंश संरक्षित हो इसके लिए पूरजोर प्रयास करे। अन्यथा नगरवासियों को आगे फिर से उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पडेगा। इस अवसर पर किराना व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कंठाली, कपडा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश नारायण बजाज, खाद-बीज विक्रेता संघ के रामकरण यादव, जनरल स्टोर्स व्यवसायी अजय बावरी, केमिस्ट एसोसिएशन के योगेश पांडे, गल्ला व्यापारी में मनीष जैन खुपवाला, अशाैक जैन तम्बाकु वाला, विहीप व बजरंग दल के कार्यकर्ता एवं सामाजिक तथा धार्मिक संगठनो के लोग शामिल रहे।

ज्ञापन में यह रखी मांगे

निराश्रित गोवंश को तत्काल सुरक्षित गो-अभ्यारण या गोशालाओं भेजा जाए, बीमार व दुर्घटना में घायल हुएं गोवंश के इलाज की व्यवस्था एवं बीमार गायों के लिए पशु चिकित्सालय के डॉक्टर की डयूटी लगाई जाए। एक फोन नंबर जारी किया जाए। जिस पर नगरवासी संपर्क कर सके व उनका समय पर इलाज हो सके, मृत एवं बीमार गोवंश को सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था की जाए। साथ ही मृत गोवंश का नियमानुसार विधी-विधान से अन्तिम संस्कार करवाया जाए, क्षेत्र के गो-अभ्यारण व गोशालाओं में मौजूद गोवंश का सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में भौतिक सत्यापन कर गिनती की जाए जिससे संख्यात्मक रूप से गोवंश की जानकारी सामने आ सके। ताकि क्षमता अनुसार अन्य गोवंश को भी रखा जा सके, स्थानीय गोशालाओं एवं गो अभ्यारण में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप से एक समिति का गठन किया जाए जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय गोभक्तों, जनप्रतिनिधी, सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाए, अन्य क्षेत्रों से नगर में छोडे जा रहे गोवंश पर सतत निगरानी कर सख्ती से रोक लगाई जाए

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