चुने हुए जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि खराब कर रहे है अपने-अपने आकाओं की छवि
सुसनेर। नगर परिषद में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नामित प्रतिनिधि अपने-अपने राजनैतिक आकाओं की छवि खराब करने में जुटे हुए है। फिर चाहे वो नगर परिषद में सांसद प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि हो या फिर पार्षद प्रतिनिधि हो अपने-अपने आकाओं की छवि खराब करने में लगे हुए है। यह बात गुरुवार को नगर परिषद के विशेष व्यापक सम्मेलन में सामने आई है। सम्मेलन को लेकर भाजपा के कुछ पार्षद प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि नगर परिषद इस वर्ष श्री राम नवमीं मेला आयोजित करेगी। जबकि नगर परिषद के सीएमओ ओ पी नागर के अनुसार पार्षदो ने मेला आयोजित करने के लिए आवेदन दिया है। जिस पर परिषद की आगामी बैठक में निर्णय किया जाएगा। तो दुसरी ओर कांग्रेसी पार्षदो ने अपनी मांगो को लेकर परिषद के बाहर कुछ देर के लिए धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी भी की तथा एक मांग पत्र नगर परिषद सीएमओ को दिया। मांग पत्र में उल्लेखित बातों से मांग पत्र अपने उद्देश्यों से भटका हुआ प्रतीत होता है। नगर परिषद में चाहे सांसद प्रतिनिधि हो या विधायक प्रतिनिधि हो या फिर पार्षद प्रतिनिधि हो सभी नगर हित और नागरिकों के हितों का ध्यान रखने के बजाय अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कोशिशे करते नजर आए। इन सब बातों से ये जरूर साबित होता है कि नगर के मतदाताओं ने जिस उद्देश्य व उम्मीद के साथ इन जनप्रतिनिधियों को चुना था ये सभी उन उम्मीदों पर खरे उतरते नजर नही आ रहे है।
हर बार उठाते है भ्रष्टाचार का मुद्दा किंतु मंज़िल तक नही पहुँचते
वर्तमान परिषद के कार्यकाल में कांग्रेस के पार्षद, जनप्रतिनिधि व चंद भाजपा के पार्षद और प्रतिनिधि कई बार नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और अव्यस्थाओँ को लेकर विरोध, शिकायत, धरना प्रदर्शन किया गया है। लेकिन शिकायत व आंदोलन कभी मंज़िल तक नही पहुँचता है। नागरिकों में इस बात की चर्चा है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने वालों को चूसने के लिए लॉलीपॉप की अवधि खत्म होने के बाद फिर से भ्रष्टाचार का राग अलापना शुरू कर देते है। इसके चलते नगर का विकास अवरुद्ध हो रहा है।
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