राजेश माली सुसनेर की खबर
जड़ देह से सम्बन्ध छूटे बिना प्रभु प्राप्त नहीं होता- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। जनपद पंचायत सुसनेर के समीपस्थ ग्राम सालरिया में स्थित एशिया के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु आमजन में गो सेवा की भावना जागृत करने के लिए इस माह की 9 अप्रेल से चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 19 वें दिवस पर गोकथा में पधारे श्रोताओं को संबोधित करते हुए ग्वाल सन्त स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने मानव बनने के लिए आवश्यक नो माताओं में से आठवीं माता के बारे में *सप्त मात अष्टम प्रगटावें, आत्मा की संज्ञा वो पावे* पद्य के माध्यम से बताया कि हमारी अष्टम माता हमारी आत्मा ही है यानि आत्मा में भी मां शब्द छीपा है। यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्मती है और न ही मरती है तथा न ही यह उत्पन्न होकर फिर पैदा होने वाली है क्योंकि यह अजन्मा,नित्य,सनातन और पुरातन है यानि शरीर के मारे जाने पर भी यह नही मरती है।
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