सुनो सरकार-जिला अस्पताल में अधर में शिफ्टिंग:स्वास्थ्य मंत्री ने अधूरे कामों का कर दिया था लोकार्पण, फायर सिस्टम व ऑक्सीजन पाइंट नहीं होने से रुकी शिफ्टिंग

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

रायसेन. 23 अप्रैल को प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी 14 करोड़ 37 लाख की लागत की लागत से बन कर तैयार जिला अस्पताल के नए भवन का उद्घाटन कर चुके हैं, लेकिन डेढ़ माह बाद भी इस नए अस्पताल भवन में अब तक एसएनसीयू, प्रसूति कक्ष,लेबर रुम, ओटी, वैक्सीनेशन सेंटर, पटटी बंधन कक्ष और पुरुष वार्ड को अब तक शिफ्ट नहीं किया जा सका। इसका कारण नए अस्पताल भवन में कई काम अधूरे होना है।जिनको निर्माण एजेंसी द्वारा अब तक पूर्ण नहीं किया गया है।

अस्पताल प्रबंधन पहले उक्त खामियों को पूरा करने की बात पर अड़ा हुआ है। कमिश्नर के निर्देश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम मंगलवार को जिला अस्पताल के नए भवन की खामियों को देखने के लिए आई थी। इस टीम ने नए भवन के साथ ही उन वार्डों का भी निरीक्षण किया, जो अब तक नए भवन में शिफ्ट नहीं हो पाए है। नए भवन में इन स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. एके शर्मा से उक्त मुद्दों पर चर्चा।

शीघ्र शिफ्ट कराई जाएंगी स्वास्थ्य सेवाएं
कमिश्नर के निर्देश पर वे जिला अस्पताल के नए भवन की व्यवस्थाएं देखने के लिए आए थे। जिन कामियों के कारण स्वास्थ्य सेवाएं शिफ्ट नहीं हो पा रही हैं। वह कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए निर्देशित भी किया गया है। 15-20 दिन में ओटी और एसएनसीयू को शिफ्ट हो जाएगा। शेष बची सेवाओं को एक माह के भीतर शिफ्ट करवाने की व्यवस्था की जा रही है।
राकेश गर्ग, एसई, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल

नए भवन में शिफ्ट नहीं हो पाए ओटी, लेबर रूम, एसएनसीयू और पुरुष वार्ड

350 बिस्तर के अस्पताल के रूप में हुआ उन्नयन रायसेन का जिला अस्पताल 200 बिस्तर से 350 बिस्तरी अस्पताल के रूप में उसका उन्नयन हो गया है। उसी के अनुरुप यह नया अस्पताल भवन तैयार किया गया है। लेकिन उसमें पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं शिफ्ट नहीं होने की जांच करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एसई राकेश गर्ग और चीफ इंजीनियर केशव यादव मंगलवार को सुबह 11.30 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। जब यह टीम नए भवन को देखने के लिए पहुंचे तो वहां पर उन्हें निर्माण कार्य चलता मिला।

ऐसी स्थिति में उन्होंने निर्माण एजेंसी को एक माह के भीतर शेष कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए है, ताकि अस्पताल के पुराने भवन में चल रही उक्त स्वास्थ्य सेवाओं को नए भवन में ही संचालित किया जा सके।

50 बिस्तर की क्रिटिकल यूनिट बनेगी, पुराना पुरुष वार्ड टूटेगा
जिला अस्पताल में 50 बिस्तर की क्रिटिकल यूनिट के लिए भी राशि मंजूर हो गई है। इसके अलावा 1.34 करोड़ से इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब भी बनाई जाना है। क्रिटिकल यूनिट में कैंसर जैसी बीमारी का इलाज भी रायसेन की जिला अस्पताल में हो सकेगा। इस क्रिटिकल यूनिट का भवन तैयार करने के लिए पुराने अस्पताल के पुरुष वार्ड को तोड़ा जाना है, लेकिन यह वार्ड अब तक नए वार्ड में शिफ्ट नहीं हो पाया है, जिससे इस यूनिट के निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।

जबकि इंट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब के लिए नए भवन की दूसरी मंजिल पर उसका निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।

तीन लिफ्ट से मरीज पहुंच सकेंगे ऊपरी मंजिल पर
जिला अस्पताल में दो लिफ्ट लग चुकी है और तीसरी को लगाने का कार्य प्रांरभ होने वाला है, जबकि दो स्थानों पर रैंप भी बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनके माध्यम से मरीजों के साथ उनके परिजन नए भवन के आसानी से पहुंच सकेंगे। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने चालू हो चुकी दो लिफ्टों को इस कारण से बंद करके रखा है,क्योंकि अस्पताल में चल रहे निर्माण कार्य के लिए सामान मजदूरी लिफ्ट से ही ले जाने लगे थे।

नहीं लग पाया फायर सिस्टम और ऑक्सीजन पाइंट
जिला अस्पताल के नए भवन में जहां पर मेल वार्ड, प्रसूति कक्ष, एसएनसीयू और ओटी को शिफ्ट किया जाना है, वहां पर न तो फायर सिस्टम लग पाया है और न ही आक्सीजन सपोर्ट की कोई व्यवस्था हो पाई है। वहीं यहां पर चल रहे निर्माण के कारण धूल भी उड़ रही है, जिससे मरीजों को इंफेक्शन फैलने का डर बना हुआ है। एनएचएम की टीम को भी नए अस्पताल के नए भवन में यह खामियां नजर आई है।

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