खरीफ की बोवनी 15 दिन लेट:मानसून में देरी, धान का रकबा 2 हजार 500 हेक्टेयर घटाया, सोयाबीन मक्के का 4300 हेक्टेयर बढ़ाया
ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज़ एमपी
लोकेशन रायसेन
रायसेन।किसानों द्वारा खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी की तैयारियां जोरशोर की जाने लगी हैं।
किसानों को सलाह जब 3 से 4 इंच बारिश हो जाए तभी बोवनी करें।
इस बार मौसम में बदलाव दिखाई दे रहा है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस डिस्टरबेंस के कारण मानसून को आने में देरी हो सकती है। इसलिए इस बार बोवनी 10 से 15 दिन लेट हो सकती है। कम बारिश और बोवनी में हो रही देरी को देखते हुए कृषि विभाग ने भी खरीफ के अनुमानित रकबे में परिवर्तन किया है।मौसम को देखते हुए इस बार धान का रकबा 2 हजार 500 हेक्टेयर को कम कर दिया गया है जबकि सोयाबीन और मक्के के रकबे को बढ़ाया गया है। लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। गर्मी के मौसम में कभी आंधी तो कभी बारिश के साथ ओले गिर रहे हैं। यही कारण है कि इस बार पूरा मौसम गड़बड़ हो गया है। मौसम विभाग की मानें तो इस डिस्टरबेंस के कारण मानसून के आने में देरी हो सकती है।
रविवार सोमवार की अलसुबह तेजी आंधी के बीच कहीं तेज तो कहीं तेज बूंदाबांदी हुई है। हर साल प्री-मानसून की बारिश 10 से 15 जून तक हो जाती थी। इसलिए किसान बोवनी का काम शुरू कर देते थे। इस बार जून माह में देरी से बारिश होने की उम्मीद है। यदि 25 जून के बाद बारिश होती है तो फिर बोवनी में 15 दिन की देरी हो सकती है।
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