गौहरगंज में वनों की कटाई:जंगलों की कटाई कर वन भूमि पर कब्जा कर की जा रही खेती की तैयारी, बीजेपी के रसूखदार नेता जंगलों का करवा रहे तेजी से सफाया,विभागीय अधिकारी बने खामोश

गौहरगंज में वनों की कटाई:जंगलों की कटाई कर वन भूमि पर कब्जा कर की जा रही खेती की तैयारी, बीजेपी के रसूखदार नेता जंगलों का करवा रहे तेजी से सफाया,विभागीय अधिकारी बने खामोश

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

रायसेन।जिले की तहसील गौहरगंज चिकलोद उमरावगंज ओबेदुल्लागंज सर्किल में सत्ताधारी दल से और भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा के बिल्कुल नजदीकी माने जाने वाले एक पेट्रोल पंप मालिक
वन परिक्षेत्र उमरावगंज के तहत आने वाले वन क्षेत्र में हरेभरे पेड़ों की लगातार कटाई कर वन भूमि पर कब्जे किए जा रहे हैं। जहां एक और विभाग खामोश बना हुआ है ।वहीं दूसरी तरफ भू माफिया खुलेआम इस काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं। कई गांवों से सटे जंगल लगभग खत्म होने की कगार पर हैं ।लेकिन बावजूद इसके ना तो विभाग कोई कठोर कदम उठा पा रहा है और ना ही भूमाफिया इसे काटने में परहेज कर रहे हैं, जिससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।महाकाल ढाबा उमरावगंज बीयर फेक्ट्री के सामने हरेभरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करवाई जा रही है।इसके अलावा अन्य रसूखदारों द्वारा भी जंगलों का सफाया करवाया जा रहा है।
खत्म हो रहा जंगलों में पेड़ों का रकबा—-
पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। 3 साल पहले जंगल काफी हरे-भरे हुआ करते थे।लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है। बीते सालों में वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा पेड़ काटने का मामला सामने आए थे। बावजूद इसके जंगल की कटाई पर वन विभाग रोक लगाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है।
चिकलोद उमरावगंज काली पठार सहित कई गांवों में पेड़ों की कटाई बेरोक-टोक की जाकर कब्जे किए जा रहे हैं। पेड़ों को काटकर पूर्व में उन्हें आग के हवाले कर दिया गया था। फिर उस जमीन पर हकाई जुताई कर खेत तैयार करने का सिलसिला चलता है। क्षेत्र में सागवान के पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो पिछले कई दिन से जंगल में पेड़ों की कटाई चल रही है।
कब्जे का कारण खेती करने के लिए और पट्टाें का लालच…..

ग्रामीणों ने बताया कि दलित सहरिया आदिवासी समुदाय की आड़ में वन महकमे के जंगल माफिया काम करता है। वह उनसे जमीन साफ करवाकर उस पर कब्जा करके खेती करता है। उनका कहना है कि गांव वाले यह समझने लगे हैं कि वनों पर उनकी जिंदगी निर्भर है। अगर वे न रहे तो न तो मवेशियों को चराने के लिए जगह बचेगी न ही बारिश होगी। इसके लिए ग्रामीण भी पहल कर चुके हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से जंगल कटाई नहीं रुक पा रही है। वहीं पट्‌टों को लेकर भी ग्रामीण कब्जे करने जंगलों की ओर रुख कर रहे हैं।

हाल ही में उमरावगंज के जंगलों चिकलोद वन परिक्षेत्रों

के बीच जंगल कटाई देखने को मिली। वहीं क्षेत्र के कालोनी-झुमका के बीच जंगल कटाई के निशान दिखाई दे रहे हैं। यहां ग्रामीण एक ओर जहां जंगलों की कटाई कर रहे हैं वहीं इनमें आपसी विवाद भी हो रहे हैं। पिछले माह कलेक्टर की अगुवाई में बैठकों का दौर भी शुरू हुआ था। वन विभाग, राजस्व, पुलिस विभाग की संयुक्त टीमें जंगल कटाई रोकने बनाई गई थी। जिसका असर होता नहीं दिखाई दे रहा है।

हर साल लाखों रुपए खर्च कर किया जाता है पौधरोपण
पौधरोपण के लिए हर साल किए जाते हैं पौधरोपण के लिए वन विभाग अधिकारियों को टारगेट दिया जाता है। वहीं अधिकारी पौधरोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे जाते हैं, लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके अलावा जंगलों में खड़े पेड़ों की देखरेख वन विभाग द्वारा की जाए तो जंगल को काफी हद तक बचाया जा सकता है।
यदा कदा विभाग के द्वारा ग्रामीणों की सजगता एवं सूचना पर लकड़ी तस्करों पर कार्रवाई की जाती है। उनमें से भी पुख्ता कार्रवाई के अभाव में दोषी बच निकलते हैं। इस अवैध कारोबार से भी जंगल उजड़ रहे हैं। जंगलों से इमारती लकड़ी के साथ-साथ अवैध जलाऊ लकड़ी का कारोबार भी दिनोंदिन फल फूल रहा है।

नियमानुसार कार्रवाई करेंगे
हमारे द्वारा लगातार वन क्षेत्र का भ्रमण कर भू माफिया पर नजर रखी जा रही है। इसके बावजूद भी अगर कहीं पर जंगल कटाई कर कब्जे किए जा रहे हैं तो हम मौके पर पहुंचकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।एसबी रैकवार डीएफओ सामान्य वनमण्डल ओबेदुल्लागंज
सरदार सिंह चौहान।

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