इरफान अंसारी SJ न्यूज एमपी उज्जैन
LEGAL UPDATE IN HINDI
By – Hemant Wadia, Advocate , Ujjain
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सीआरपीसी की धारा 167 के तहत एक आरोपी को डिफॉल्ट जमानत के अधिकार से वंचित करने के लिए एक जांच एजेंसी किसी मामले की जांच पूरी किए बिना चार्जशीट या अभियोजन शिकायत दर्ज नहीं कर सकती है।
जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने रेडियस ग्रुप की रितु छाबरिया की ओर से दायर रिट याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। खंडपीठ ने रितु की अंतरिम जमानत के आदेश को संपूर्ण करार दिया।
बेंच ने आज की सुनवाई के दरमियान सीआरपीसी के इतिहास और डिफॉल्ट जमानत के लिए सीआरपीसी की धारा 167 में संशोधन क्यों लाए गए हैं, पर चर्चा की। बेंच ने कहा कि अगर जांच एजेंसी जांच पूरी किए बिना चार्जशीट दाखिल करती है, तो इससे अभियुक्त का डिफॉल्ट जमानत का अधिकार समाप्त नहीं हो जाएगा।
कोर्ट ने कहा, ऐसे मामलों में ट्रायल कोर्ट गिरफ्तार व्यक्ति को अधिकतम निर्धारित समय से अधिक समय तक रिमांड पर नहीं रख सकता है…।
[केस टाइटल : रितु छाबरिया बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य। डब्ल्यूपी(सीआरएल) नंबर 60/2023]
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