राघौगढ़ क्षेत्र के ग्राम पाडरखेड़ी के युवा लेखक इंजी. संजय कुमार प्रजापति अक्षयरुद्र की बड़ी उपलब्धि : 4 साल में लिखीं 36 पुस्तकें
गुना । राघौगढ़ क्षेत्र के ग्राम पाडरखेड़ी के युवा लेखक इंजी. संजय कुमार प्रजापति अक्षयरुद्र की बड़ी उपलब्धि—मात्र 4 साल की अवधि में 36 किताबें लिख पाना किसी भी लेखक के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। उनकी लिखी हुई आध्यात्मिक पुस्तकें, अध्यात्मिक विचार, सामाजिक चेतना और प्रेरणादायक विषयों पर केंद्रित हैं। शंकराचार्यांश का कहना है कि लेखन उनका जुनून है और वे बचपन से ही साहित्य व भारतीय संस्कृति के प्रति गहरा लगाव रखते हैं। अपनी इसी लगन के कारण उन्होंने कम समय में बड़ी साहित्यिक उपलब्धि हासिल की है । उनकी पुस्तकें 22 राज्यों के पाठकों के पाठन का अभिन्न अंग बन चुकी हैं। अक्षयरुद्र ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने गुरुदेव, माता , पिता और इष्ट को दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी इस सफलता पर गर्व व्यक्त किया है। स्थानीय स्तर पर भी उनके लेखन को सराहा जा रहा है।शंकराचार्यांश ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ने आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण ग्रंथ लेखन का संकल्प व्यक्त किया है। उनकी आने वाली 37वीं तथा 38वीं पुस्तक विज्ञान भैरव एक जाग्रत ग्रंथ श्रीहरि स्तोत्र माला है तथा पतिव्रता साक्षात गंगा, देवी स्वधा तथा ज्ञानहीनों गुरुत्याज्यः पर भी वे अद्वितीय पुस्तक लिख रहे हैं। उनकी अब तक प्रकाशित 36 पुस्तकों में प्रमुख हैं— ब्राह्मण गीता, शास्त्रों के अद्भुत रहस्य, शीघ्र कल्याणकारी कालखंड, भैरव गीता, स्तोत्र निधिवन (भाग 1-2), महिमा, जिज्ञासा और समाधान, नारी जीवन एक संघर्ष, मैं ब्रह्म हूँ, संसार में कितना सुख, संभोग से समाधि किसकी लगी (मिथ्या या सत्य), शिव चरित मानस (भाग 1-2), दुष्कर्म और नरक की यातनाएं, देवी रहस्य (भाग 1-2), अक्षय आनंद, ग्रंथ रहस्य, गुरु माहात्म्य, हे वीर ब्रह्मचारी, दान से वैकुंठ, भैरव गीता संस्कृत-हिन्दी, श्री काली गीता, कर्मगीता,जिज्ञासा और समाधान, हन्ड्रेड थोट ऑफ अक्षयरुद्र, आपके प्रश्न इत्यादि।
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