संघर्ष से सिद्धि तक अतुलनीय त्याग और समर्पण की आनंद गाथा, एक संकल्प से साकार हुआ पत्रकार भवन, पत्रकारिता के पुरोधा आनंद सिंह लोढा ने निजी प्रयासों से हुआ पत्रकार भवन का निर्माण, गुना की पत्रकारिता को दिया अभूतपूर्व उपहार
संघर्ष से सिद्धि तक अतुलनीय त्याग और समर्पण की आनंद गाथा, एक संकल्प से साकार हुआ पत्रकार भवन, पत्रकारिता के पुरोधा आनंद सिंह लोढा ने निजी प्रयासों से हुआ पत्रकार भवन का निर्माण, गुना की पत्रकारिता को दिया अभूतपूर्व उपहार
गुना। चंबल-मालवा और बुंदेलखंड के प्रवेश द्वार की धरती, गुना, हमेशा से ही कलम के मज़बूत हस्ताक्षर देने वाली भूमि रही है। इस माटी के पत्रकारों के संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रीय स्तर पर लहराए गए परचम को अब एक स्थायी और गौरवशाली आश्रय मिलने जा रहा है। यह उपलब्धि केवल प्रेस क्लब की एकता का परिणाम नहीं है, बल्कि पत्रकारिता के पुरोधा और प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंद सिंह लोढा के अतुलनीय त्याग और व्यक्तिगत समर्पण की पराकाष्ठा है। अभूतपूर्व! गुना की पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार, पत्रकारों को जो भव्य और आधुनिक पत्रकार भवन नसीब होने जा रहा है, उसके लिए भवन का निर्माण भी उन्होंने व्यक्तिगत प्रयासों से पूर्ण कराया है। यह भवन, अब मात्र एक संरचना नहीं, बल्कि श्री लोढा के निस्वार्थ प्रेम, दानशीलता और पत्रकार एकता के प्रति उनके अटूट संकल्प का जीवंत स्मारक है। 29 नवंबर, शनिवार को दोपहर 1:30 बजे यह ऐतिहासिक सपना साकार होगा, जब केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इस आधुनिक और भव्य श्री देवेन्द्र सिंह मधुरानी लोढा पत्रकार भवन का लोकार्पण करेंगे। यह भवन पत्रकारों के लिए दशकों के संघर्ष के बाद अपना एक छत प्रदान करेगा।
संकल्प और दानशीलता की वह मशाल, जिसे आनंद लोढा ने थामा
इस महान सिद्धि के पीछे यदि किसी एक नाम का जिक्र करना अनिवार्य है, तो वह हैं वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब गुना के अध्यक्ष श्री आनंद सिंह लोढा। पत्रकारिता जगत में आनंद भैयाजी के नाम से प्रतिष्ठित, यह भवन उनके अथक, सामूहिक, और व्यक्तिगत रूप से किए गए दान एवं जुनून का परिणाम है। पत्रकारिता जगत में उन्हें भामाशाह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा। लोढ़ा जी को यह स्थान यूं ही नहीं मिला उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन पत्रकारिता की सेवा और सबसे बढक़र, पत्रकार एकता के लिए न्योछावर किया है। उनका हृदय सदैव अपने साथियों के हित के लिए धडक़ता रहा है। मार्च 2024 में जब वे सर्वसम्मति से प्रेस क्लब के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए, तभी उन्होंने यह दृढ़ संकल्प ले लिया था: पत्रकार साथियों को एक भव्य, आधुनिक और सुसज्जित पत्रकार भवन सौंपना है! लेकिन उनका संकल्प केवल मांग करने या प्रयास करने तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने अपने निजी संसाधनों को इस सपने को पूरा करने में लगा दिया।
2000 वर्गफुट का उपहार: दो साल का सफर और अडिग समर्पण
पत्रकार भवन का यह सपना देखना जितना आसान था, इसे ज़मीन पर उतारना उतना ही चुनौतीपूर्ण। सरकारी प्रक्रियाओं और ज़मीन आवंटन की जटिलताओं को दरकिनार करते हुए, लोढ़ा जी ने पत्रकारिता के सामूहिक सम्मान के लिए एक अभूतपूर्व निर्णय लिया। उन्होंने अपने निजी प्रयासों से दो मंजिला भवन का निर्माण भी सुनिश्चित कराया। यह दो साल का लंबा इंतजार था, जो केवल उनकी अडिग इच्छाशक्ति और दानशीलता से ही संभव हो सका। आखिरकार, उनका सपना फलीभूत हुआ। 2000 वर्गफुट में फैला, दो मंजिला यह भव्य पत्रकार भवन, जो कि आनंद सिंह लोढ़ा जी के व्यक्तिगत दान का प्रतिफल है, आज गुना की पत्रकारिता के मस्तक पर एक तिलक की तरह सुशोभित है। जब आज युवा पत्रकार इस आधुनिक, स्वयं की छत को देखकर हर्षित और उत्साहित हैं, तो वहीं कई वरिष्ठ पत्रकारों की आंखें नम हैं। यह आँसू केवल खुशी के नहीं हैं, बल्कि यह दशकों की प्रतीक्षा, संघर्ष और एक अभूतपूर्व दानवीरता की प्राप्ति का भावुक इज़हार है। यह भवन उनके वर्षों के सामूहिक आत्मसम्मान की जीत है, जिसकी नींव स्वयं लोढ़ा जी ने रखी है।
कोविड जैसे संकटकाल में भी लोढा का साथ: पत्रकारिता का सच्चा हीरा
आनंद सिंह लोढा को गुना की पत्रकारिता में एक ऐसे हीरे की संज्ञा दी जाती है, जिसकी चमक संकट के समय और भी प्रखर हो जाती है। उनका योगदान केवल भवन निर्माण तक सीमित नहीं है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण कोविड-19 महामारी के उस भयावह काल में मिला। जब देश थम गया था, जब अपने भी दूर हो रहे थे, उस घनघोर संकट में भी आनंद सिंह लोढा ने अपने पत्रकार साथियों को अकेला नहीं छोड़ा। उन्होंने न केवल व्यक्तिगत रूप से मदद की, बल्कि सामूहिक प्रयासों को संगठित किया। सिर्फ़ एक व्हाट्सएप गु्रप प्रेस ग्रुप के माध्यम से ही, उन्होंने एक अद्भुत एकजुटता का परिचय दिया। उन्होंने कोविड के कारण दिवंगत हुए सात पत्रकार साथियों के परिवारों को संगठित प्रयास करके करीब 7.50 लाख रुपए की बड़ी आर्थिक मदद तत्काल उपलब्ध कराई। यह आंकड़ा मात्र राशि का नहीं है, यह मानवीय संवेदना, नेतृत्व क्षमता और पत्रकारिता के प्रति उनकी गहरी निष्ठा का प्रमाण है।
एक अविस्मरणीय विरासत
यह नया पत्रकार भवन अब गुना की पत्रकारिता का केंद्र बिंदु बनेगा। यह लोढ़ा जी द्वारा स्थापित एक ऐसी विरासत है, जहाँ विचार-विमर्श होगा, नए पत्रकारों को प्रशिक्षण मिलेगा और पत्रकारिता के मानकों को और ऊँचा उठाने की रणनीति बनेगी। यह भवन पत्रकार एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की एक नई परिभाषा गढ़ेगा। आनंद सिंह लोढ़ा ने अपने संकल्प, समर्पण और निस्वार्थ दान से यह सिद्ध कर दिया है कि एक व्यक्ति का दृढ़ निश्चय, त्याग और सामूहिक हित के लिए कार्य करने की भावना, बड़े से बड़े सपने को साकार कर सकती है। उनका यह प्रयास गुना ही नहीं, बल्कि समूचे मध्य प्रदेश के पत्रकारिता जगत के लिए एक प्रेरणास्रोत है। शनिवार को होने वाला यह लोकार्पण समारोह, केवल एक भवन का उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह आनंद सिंह लोढा के अद्वितीय त्याग और उनके नेतृत्व का सार्वजनिक अभिनंदन है। यह भवन चिरकाल तक उनके प्रयासों की कहानी कहता रहेगा और आने वाली पीढय़िों को यह सिखाता रहेगा कि संगठन की शक्ति और आत्म-त्याग का संकल्प कितना मूल्यवान होता है।
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