भारत ने आध्यात्मिक ज्ञान, संस्कृति और प्रेम के बल पर दुनिया को जीता: अशोक अग्रवाल

मोहन शर्मा म्याना

भारत ने आध्यात्मिक ज्ञान, संस्कृति और प्रेम के बल पर दुनिया को जीता: अशोक अग्रवाल

*एकल श्री हरिकथा soc वर्ग में श्री अग्रवाल ने दिया पंच परिवर्तन का मंत्र*

गुना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्रीय कार्यवाह श्री अशोक अग्रवाल ने समाज में समानता लाने और सामाजिक सद्भाव बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत ने अपने आध्यात्मिक ज्ञान, संस्कृति और प्रेम के बल पर दुनिया को जीता, न कि सैन्य या आर्थिक शक्ति से। भारत ने अपने पूर्वजों के माध्यम से सभ्यता और संस्कृति का प्रसार किया, लेकिन कभी किसी का देश नहीं जीता ओर न ही किसी का धर्म परिवर्तन कराया। बल्कि, भारत दुनिया को अपना आध्यात्मिक और ज्ञान के बल पर ‘विश्व गुरु’ कहलाया। बता दे कि मंगलवार को एकल श्री हरि कथा प्रसार योजना संभाग मध्यभारत की एक दिवसीय समिति प्रशिक्षण (soc )वर्ग का आयोजन किया गया। जिसके समापन सत्र में मुख्यवक्ता आरएसएस के क्षेत्रीय कार्यवाह अशोक अग्रवाल ने सम्मिलित होकर पंच परिवर्तन का मंत्र दिया। सत्र में अतिथि एकल श्रीहरि कथा केंद्रीय समिति प्रशिक्षण प्रमुख संजय साहु, एकल अभियान पी 7 के जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन नखराली, एकल श्री हरि कथा केंद्रीय समिति प्रशिक्षण प्रमुख, पी 7 एवं 8 के नगर संगठन प्रमुख रामेश्वर दयाल, एकल श्री हरि कथा प्रभाग व्यास अजय शरण, संभाग सचिव महेश सिंघल, संभाग व्यास संजय शरण मंचासीन रहे। समापन सत्र को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि देश में जाति या वर्ग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। संघ की 100 वर्ष की यात्रा में संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना रहा है। ओर श्री अग्रवाल ने एकल अभियान की सराहना करते हुए कहा कि एकल कार्यकर्ता पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से गांव गांव पहुंच लोगों को जागरूक कर समाज में परिवर्तन लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हे। श्री अग्रवाल ने कहा कि समाज परिवर्तन यानी हमारे देश का सोया हुआ हिन्दू को जगाकर उसे वापिस लाना हे। जिसके लिए संघ पंच परिवर्तन” के मंत्र को लेकर चल रहा हे जिसमें स्वयंसेवक ग्रह संपर्क अभियान के माध्यम से सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य, कुटुम्ब प्रबोधन और ‘स्व’ का बोध (स्वदेशी और आत्मनिर्भरता) पर काम करके समाज में अनुशासन, देशभक्ति और सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे है, जिससे भारत एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बन सके। जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन ने मुख्यबक्ता क्षेत्रीय कार्यवाह श्री अग्रवाल का शाल श्रीफल से स्वागत कर अभिनंदन किया साथ ही श्री जैन ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए एकल का उद्देश्य और पंचमुखी शिक्षा पर प्रकाश डाला। श्री जैन ने कहा कि एकल का कार्य ईश्वरी कार्य हे ओर यही मंत्र के साथ एकल कार्यकर्ता गांव गांव जनजाति समाज के बीच पहुंच पंचमुखी शिक्षा के द्वारा शिक्षित, स्वस्थ और स्वावलंबी राष्ट्र निर्माण के लिए एकल अभियान के कार्यों को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर कर उन्हें राष्ट्रउपयोगी बनाएं। केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख श्री शाहू ने कहा कि एकल की यात्रा सतत 37 वर्षों से जारी हे। देशभर में 1 लाख से अधिक एकल विद्यालय संचालित हे। एकल श्री हरि कथा प्रशिक्षण का उद्देश्य समितियों को मजबूत कर गांव गांव में सत्संग के द्वारा धर्म की रक्षा करना ओर ग्रामीणों को सशक्त बनाकर उन्हें राष्ट्रपयोगी बनाना। उन्होंने कहा कि आज भी धर्मांतरण हो रहा हे ओर एकल कार्यकर्ता अपनी महती भूमिका निभाते हुए धर्म परिवर्तन रोकने में सहायक बन रहे हे। पी 7 एवं 8 के नगर संगठन प्रमुख रामेश्वर दयाल ने एकल की प्रस्तावना पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मालवा भाग अभियान प्रमुख संतोष राठौर, चंबल भाग अभियान प्रमुख धर्मवीर गुर्जर सहित 7 अंचलों से सेवा व्रती कार्यकर्ता मुख्यरूप से उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र में भाग महिला समिति अध्यक्ष आशा रघुवंशी, संभाग कार्यालय प्रमुख श्री हरि पप्पू सिंह नायक, गुना अंचल अध्यक्ष मनीष भार्गव, मालवा भाग अभियान प्रमुख संतोष राठौर, चंबल भाग अभियान प्रमुख धर्मवीर गुर्जर सहित 7 अंचलों से सेवा व्रती कार्यकर्ता मुख्यरूप से उपस्थित रहे।

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