SJ न्यूज़ सोण्डवा तहसील रिपोर्टर मोहसिन मंसूरी की रिपोर्ट
पुलिस ने ग्राम बिछोली में हुई अज्ञात हत्या का खुलासा किया,आरोपी एवं मृतक के मध्य समलैंगिक संबंधों की चर्चा फैलाने पर से आरोपी ने मृतक की हत्या की।
आलीराजपुर – दिनांक 15 नवम्बर 2025 को ग्राम बिछोली निवासी चन्दरिया पिता थेबड़िया जोगटिया द्वारा उनके भाई धरमा पिता थेबड़िया जोगटिया (उम्र 47 वर्ष) के गुम होने संबंधी सूचना चौकी छकतला, थाना बखतगढ़ में दर्ज कराई गई। मृतक 13 नवम्बर की शाम लगभग 5 बजे घर से निकला था और वापस नहीं लौटा।
परिवार एवं ग्रामीणों द्वारा खोजबीन के दौरान उमराई फलिया जंगल में मृतक का काले रंग का चौकड़ीदार शर्ट और तलाई की पाल के किनारे नई खुदाई दिखाई दी। बखतगढ़ पुलिस को सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार की उपस्थिति में उत्खनन कराया गया। उत्खनन के दौरान एक पुरुष का शव प्राप्त हुआ, जिसकी पहचान मृतक धरमा के रूप में की गई।
मर्ग जांच में मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से यह तथ्य प्राप्त हुआ कि मृतक और आरोपी गुंजारिया पिता गोरधन कलेश के बीच सम लैंगिक संबंध थे। मृतक द्वारा उक्त संबंधों के बारे में जानकारी को गांव में फैलाने से आरोपी नाराज था। इसी रंजिश के चलते आरोपी ने 13 नवम्बर की शाम मृतक को आरोपी के एकांत मे बने घर पर बुलवाया व विवाद कर घर पर ही गला घोटकर हत्या कर लाश को जंगल मे घसीटकर ले गया व शव को छिपाने के उद्देश्य से तलाई की पाल के पास गड्ढा खोदा और मृतक का शव उसमें गाड़ दिया। साथ ही मृतक का गमछा जलाकर उसकी राख फेंक दी गई और मृतक की चप्पल भी घटनास्थल से बरामद हुई।
संपूर्ण मर्ग जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और बरामद सामग्री के आधार पर आरोपी के विरुद्ध धारा 103(1) एवं 238 BNS के अंतर्गत हत्या और सबूत मिटाने का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बखतगढ़ पुलिस ने आरोपी को दिनांक 24 नवम्बर 2025 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया।
उक्त अज्ञात हत्या के प्रकरण में आरोपी की गिरफ्तारी और पूरे मामले के सफल खुलासे में निरीक्षक संतोष सिसोदिया, थाना प्रभारी बखतगढ़; उप निरीक्षक राहुल चौहान, चौकी प्रभारी छकतला; सउनि नानूराम पटेल; सउनि ज्ञानसिंह पाल; प्रधान आरक्षक 127 वीरेंद्र बघेल; आरक्षक 171 गोविंद यादव; आरक्षक 20 सुनील सिसोदिया; आरक्षक 489 जगदीश जामोद; आरक्षक 283 दिनेश; आरक्षक 544 चंदन चौहान; आरक्षक 262 प्रेम पंचोली; आरक्षक 248 इंदर जमरा; आरक्षक 111 मुनसिंह; आरक्षक 134 तुलसीराम का सराहनीय योगदान रहा है।
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