राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता में गुना क्षेत्र के दो युवाओं का चयन,
हमारे गुना जिले के लिए गर्व का क्षण है कि योगाचार्य महेश पाल के मार्गदर्शन में गायत्री मंदिर में ले रहे योगासन प्रशिक्षण दो प्रतिभाशाली युवाओं ने योगासन के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट योग्यता का परिचय देते हुए महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग महाविद्यालय द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय योगासन प्रतियोगिता के लिए शिवांग सिंह यादव ने संभाग स्तरीय योगासन प्रतियोगिता ग्वालियर में अपनी श्रेष्ठ प्रस्तुति के दम पर चयन प्राप्त किया है, उच्च शिक्षा विभाग कि राज्य स्तरीय योगासन प्रतियोगिता 25 नवंबर को सागर में होगी वहीं दूसरी ओर हमारे गुना क्षेत्र के मुनेंद्र रघुवंशी का चयन 35 से 45(सीनियर B केटेगरी) आयु वर्ग के लेग बैलेंस इंडिविजुअल इवेंट मै योगासन भारत की राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता के लिए हुआ है। राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता का आयोजन महाराष्ट्र के संगमनेर शहर में होगी यह उपलब्धियाँ न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रमाण हैं, बल्कि हमारे क्षेत्र में योग शिक्षा के बढ़ते स्तर और समर्पण को भी दर्शाती हैं।उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय इस प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच हमारे विद्यार्थी शिवांग ने संतुलन, लचीलापन, मनोनिग्रह एवं शुद्ध योग तकनीक का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए निर्णायकों को प्रभावित किया, नेशनल योगासना जज योगाचार्य महेश पाल ने कहा कि “यह उपलब्धि मेहनत, अनुशासन और निष्ठा का परिणाम है। इस सफलता से अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी और योग को जीवन में अपनाने की नई ऊर्जा प्राप्त होगी।”उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता के लिए चयनित प्रतिभागी मुनेंद्र लंबे समय से योगाभ्यास में दक्षता प्राप्त कर रहे हैं। उनकी तकनीकी क्षमता, शारीरिक संतुलन और सशक्त प्रस्तुति ने उन्हें इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए योग्य साबित किया। परिवारजनों और मित्रजनों ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह चयन आने वाली पीढ़ियों को योग की ओर प्रेरित करेगा और देशभर में क्षेत्र की छवि को ऊँचा उठाएगा। आज जब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रमुख चुनौती बन चुका है, ऐसे में युवा पीढ़ी का योग में रुचि दिखाना समाज के लिए सकारात्मक संकेत है। इन दोनों चयनित प्रतिभागियों ने साबित किया है कि योग केवल साधना नहीं, बल्कि अनुशासन, मेहनत और दृढ़ता का प्रतीक भी है। इन सफलताओं से परिवार, प्रशिक्षकों में उत्साह का माहौल है। सभी का मानना है कि दोनों युवा आने वाले समय में प्रदेश और देश के लिए नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। यह उपलब्धि न सिर्फ प्रतिभागियों की व्यक्तिगत जीत है, बल्कि योग के प्रति बढ़ते जागरूकता और क्षेत्र की समृद्ध योग संस्कृति का प्रतीक भी है।
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