खंडवा में अवैध शराब का साम्राज्य! कांग्रेस का बोटल माला आंदोलन — ‘शराब माफिया और प्रशासन की मिलीभगत से बर्बाद हो रहे घर

शेख आसिफ खंडवा

खंडवा में अवैध शराब का साम्राज्य! कांग्रेस का बोटल माला आंदोलन — ‘शराब माफिया और प्रशासन की मिलीभगत से बर्बाद हो रहे घर’

 खंडवा। खंडवा में अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। शहर से लेकर गांवों तक अब किराना दुकानों और ढाबों पर शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। सरकार के आदेशों और प्रशासन के नियंत्रण की धज्जियाँ उड़ाते इस माफियातंत्र के खिलाफ मंगलवार को कांग्रेस पार्षदों और नेताओं ने कलेक्टरेट परिसर में बोतल की माला पहनकर जोरदार प्रदर्शन किया।इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष दीपक मुल्लू राठौर,महिला कांग्रेस की रचना तिवारी,मनोज मंडलोई,शब्बीर कादरी,असलम गौरी,शराफत खान सहित अन्य कांग्रेसजन मौजूद थे।

जिला कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता प्रेमांशु जैन ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए — शराब माफिया मुर्दाबाद”, “महिलाओं का दर्द सुनो सरकार!”,

“लाडली बहनों के पैसे से शराब, अब नहीं चलेगा ये व्यापार!

बोतल की माला पहनकर प्रदर्शन से हिल गया प्रशासन

जनसुनवाई में कांग्रेस पार्षद शराब की खाली बोतलों की माला पहनकर पहुंचे। इस अनोखे विरोध ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि खंडवा जिले में अब नशे का कारोबार घर-घर तक पहुँच चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में किराना दुकानों, ढाबों और सामान्य ठेलों पर भी अवैध रूप से शराब बेची जा रही है।

कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि आबकारी विभाग और पुलिस की शह पर यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। महिलाओं ने कहा कि उनके पतियों को लाड़ली बहना योजना के पैसे शराब की दुकानों तक पहुँचाने का रास्ता प्रशासन ने ही आसान कर दिया है।

दीपक राठौड़ बोले – “सरकार का दावा खोखला, शराब बिक रही है खुलेआम”

नगर निगम खंडवा के नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने कहा — “प्रदेश सरकार ने अहातों को बंद करने का ढोंग किया, लेकिन सच्चाई यह है कि खंडवा में आज भी सैकड़ों ढाबे और होटल शराबखाने बने हुए हैं। पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा है। सरकार ‘नशामुक्त समाज’ की बात करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि हर गली में अब शराब उपलब्ध है।”

राठौड़ ने कहा कि यह मामला अब सिर्फ कानून का नहीं, बल्कि समाज की नैतिकता और परिवारों के अस्तित्व का है। बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है, घर टूट रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

कांग्रेस नेत्री रचना तिवारी बोलीं – “महिलाओं की आह सुनने वाला कोई नहीं”

कांग्रेस नेत्री रचना तिवारी ने तीखे शब्दों में कहा “महिलाएँ हर दिन नशे का दंश झेल रही हैं। घर का राशन शराब की बोटलों में उड़ रहा है। बच्चे भूखे हैं और प्रशासन रिपोर्ट बना कर रख देता है। अब यह सहन नहीं होगा। कांग्रेस इस अवैध कारोबार के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ेगी।”

प्रशासन ने दी सफाई – ‘जांच होगी, दोषियों पर कार्रवाई’

हंगामे के बाद सहायक आबकारी अधिकारी चंदन सिंह मीणा ने सफाई दी — “आज कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया है। मामले की जांच के लिए टीम भेजी जाएगी और जहां भी अवैध बिक्री मिलेगी, वहां कार्रवाई की जाएगी।”

सवाल उठता है – आखिर संरक्षण किसका है?

खंडवा में अवैध शराब बिक्री का यह सिलसिला नया नहीं है। पहले भी ऐसे मामलों में छापे की औपचारिकता और दिखावटी कार्रवाई के बाद सब कुछ पहले जैसा चलने लगता है। अब सवाल उठता है कि आखिर इन अवैध दुकानों को संरक्षण कौन दे रहा है? क्या यह कारोबार प्रशासन की जानकारी में नहीं, या फिर सबकी जानकारी में होते हुए भी ‘मौन समर्थन’ मिल रहा है?

आखिर जवाबदेही किसकी हैँ :

खंडवा में अवैध शराब बिक्री का मामला अब केवल सामाजिक नहीं बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक जवाबदेही का प्रश्न बन चुका है।

कांग्रेस का यह प्रतीकात्मक “बोटल माला आंदोलन” अब प्रशासन के गले की हकीकत बनकर लटक गया है।

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