देवउठनी एकादशी पर शहर में तुलसी-शालिग्राम का हुआ विधिवत विवाह

खेतिया पानसेमल से राजु गायकवाड़ की रिपोर्ट

देवउठनी एकादशी पर शहर में तुलसी-शालिग्राम का हुआ विधिवत विवाह

खेतिया शहर व ग्रामीणों में सोमवार को देवउठनी एकादशी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर के विभिन्न वार्डों में जगह-जगह तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। गन्ने के मंडप सजाकर भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विधि-विधान से विवाह कराया गया।

पंडितों ने बताया कि इस बार एकादशी की तिथि दो दिनों तक रहने से श्रद्धालुओं ने अपने अनुसार दोनों दिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना की।

हिंदू धर्म में सभी एकादशियों में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं और इसके साथ ही सभी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाता है।

कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराए जाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। तुलसी माता को हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना गया है। इसी कारण यह पर्व भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक बन गया है।

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