झोलाछाप डॉक्टर बना मासूम की मौत का कारण, इलाज नहीं मौत दे गया इंजेक्शन, इंजेक्शन लगते ही बिगड़ी बच्ची की हालत, बच्ची का पीएम नहीं कराने पर अड़ी मां, कैंट थाने में की शिकायत

झोलाछाप डॉक्टर बना मासूम की मौत का कारण, इलाज नहीं मौत दे गया इंजेक्शन, इंजेक्शन लगते ही बिगड़ी बच्ची की हालत, बच्ची का पीएम नहीं कराने पर अड़ी मां, कैंट थाने में की शिकायत

 गुना )। जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में डेढ़ साल की मासूम बच्ची की मौत ने एक बार फिर प्राइवेट और अप्रशिक्षित डॉक्टरों के इलाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला ग्राम इमझरा निवासी रामवीर सहरिया की बेटी महक सहरिया का है, जिसकी सर्दी-ज़ुकाम के मामूली इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। बच्ची की मौत के बाद सदमे में पहुंची मां ने बच्ची का पीएम कराने से साफ कर दिया। इस मामले में बेहटा क्षेत्र के एक बंगाली डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम इमझरा निवासी रामवीर सहरिया की डेढ़ साल की बेटी महक को सर्दी-ज़ुकाम की शिकायत थी। इलाज के लिए परिजन उसे बेहटा के झिरर क्षेत्र में एक निजी बंगाली डॉक्टर अभिजीत विश्वासकर के पास ले गए। पीडि़ता की मां के अनुसार, डॉक्टर ने बिना किसी गहन परीक्षण के बच्ची को दो इंजेक्शन लगाए। इंजेक्शन लगते ही बच्ची की हालत अचानक बिगडऩे लगी। परिजनों के अनुसार, इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों बाद महक ने बोलना बंद कर दिया और शरीर में प्रतिक्रिया शुरू हो गई।

परिजनों ने तत्काल बच्ची को लेकर अन्य डॉक्टरों के पास भी दौड़ लगाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद सदमे में पहुंची मां ने अपनी बच्ची का पीएम कराने से साफ इंकार दिया। जिसे बार-बार अस्पताल एवं पुलिस स्टॉफ समझाईश देता रहा। इस दौरान परिजन कैंट थाना पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत सौंपी। पीडि़ता की मां का कहना है कि बच्ची बिल्कुल ठीक-ठाक थी, बस सामान्य सर्दी-जुकाम था। उन्होंने बेटी को बेहतर इलाज के उद्देश्य से बेहटा ले जाया, लेकिन इंजेक्शन लगते ही उसकी जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर के पास न तो आवश्यक योग्यता है और न ही कोई विधिवत क्लिनिक। कैंट थाना पुलिस ने शिकायत प्राप्त कर ली है और अब मामले की जांच की जा रही है। परिजनों ने मांग की है कि डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों पर नियंत्रण लगाया जाए ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान यूं न जाए। –

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