डीजे बजाने वाले के विरूद्ध झाबुआ पुलिस की प्रभावी कार्यवाही की गई। 

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर की रिपोर्ट

डीजे बजाने वाले के विरूद्ध झाबुआ पुलिस की प्रभावी कार्यवाही की गई।

झाबुआ जिले में लगातार झाबुआ पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल द्वारा ग्रामनगर रक्षा समिति सम्मेलन का आयोजन कर क्षेत्रीय ग्रामीणों के बीच सुरक्षा, शिक्षा, डीजे नहीं बजाने, यातायात नियमों, सामाजिक कुरीतियों, साइबर अपराध, महिला अपराधों आदि मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर लगातार समझाइश दी जा रही है।

पुलिस अधीक्षक द्वारा डीजे की तेज आवाज़ के दुष्प्रभावों के बारे में आमजन के बीच जाकर लगातार समझाइश दी जा रही है कि तेज आवाज से न केवल मानसिक तनाव उत्पन्न होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर डीजे की तेज आवाज़ का बुरा असर पड़ता है। डीजे बजाने से उसकी तेज आवाज से गर्भवती महिलाओं के बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर पैदा होते हैं व डीजे की तेज आवाज से बुजुर्गो के दिल व दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है। प्राय: हमने अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियों देखे जिसमें डीजे की तेज आवाज के सामने नाचते हुए युवा व्यक्ति की भी हृदय गति रूकने से मृत्यु हुई है।

दिनांक 05.04.2025 की शाम को सूचना मिली कि चौकी पिटोल क्षेत्र में एक व्यक्ति अपनी आयशर गाडी क्रमांक जी.जे.03 बी.वाय.8855 में डी.जे.साउण्ड सिस्टम रखकर शासन के नियमों के विपरीत तेज ध्वनि से डीजे बजा रहा है। उक्त सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए थाना कोतवाली की पुलिस टीम ग्राम बडी बावडी पहुंची, जहां कचरा पिता खीमा बबेरिया निवासी बडी बावडी के यहां शादी के कार्यक्रम में आयशर गाडी क्रमांक जी.जे.03 बी.वाय.8855 के अंदर डी.जे. सिस्टम रखकर बहुत तेज ध्वनि से बजा रहा था। वाहन का चालक पुलिस की गाडी को देखकर अपना डीजे वहीं छोडकर वहां से भाग गया। कार्यालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी झाबुआ जिला झाबुआ के आदेश क्रमांक 953/जे.सी./2025 दिनांक 11.02.2025 के पालन में डी.जे. का उपयोग पुर्ण रुप से प्रतिबंध होने से आदेश का उल्लघंन कर आयशर गाडी क्रमांक जी.जे.03 बी.वाय.8855 का चालक जोर – जोर से डी. जे.बजा रहा था जो मानक मात्रा से काफी तेज आवाज मे बज रहा था। जिस पर थाना कोतवाली पर धारा 223 बीएनएस एवं 7/15 कोलहल अधिनियम का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। साथ ही एक अन्य बैंड में लगे वाहन पिक अप में मोडिफिकेशन कर बैंड बनाकर उपयोग करने पर एमवी act के तहत 5000 रुपए समन शुल्क वसूला गया।

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