शहीद दिवस पर राष्ट्रीय जाट महासभा का धरना, शहीदों को दर्जा देने की मांग।
मण्डलेश्वर ( निप्र ) राष्ट्रीय जाट महासभा भारत की खरगोन इकाई ने शहीद दिवस के अवसर पर 23 मार्च को करही कृषि उपज मंडी प्रांगण में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर सर्व समाज द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम करही थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा गया।
धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जाट महासभा के सदस्य और सर्व समाज के लोग शामिल हुए। जिला अध्यक्ष दीपक पटेल ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनका बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद रख सकें।
महेश्वर तहसील अध्यक्ष सुगनचंद ने कहा कि राष्ट्रीय जाट महासभा लंबे समय से इन शहीदों को दर्जा देने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
बड़वाह तहसील अध्यक्ष अशोक मुंडेल ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु केवल जाट समाज के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के नायक हैं। उन्होंने जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर देश के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन शहीदों को सम्मान देना चाहिए और उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहिए।
जगदीश चौधरी, रामभरोस जाट, गोविंद जाट, चिंताराम जी जाट, संतोष चोटिया, राम प्रसाद पटेल, शंकर जाट, विनोद जाट, रामेश्वर जाट और राम जाट सहित अन्य वक्ताओं ने भी शहीदों के बलिदान को याद किया और उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग की।
धरना प्रदर्शन के अंत में, राष्ट्रीय जाट महासभा ने करही थाना प्रभारी को राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में, उन्होंने सरकार से तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा देने की मांग की।
राष्ट्रीय जाट महासभा ने सरकार से यह भी मांग की कि शहीदों के परिवारों को उचित सम्मान दिया जाए और उनकी याद में स्मारक बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए।
धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति ने शहीदों के प्रति उनके सम्मान और सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाया।
Leave a Reply