उमरिया सेवा भारती 13 मार्च शौर्य दिवस पर क्रांतिकारी उधम सिंह जी को नमन कर , होली पर सेवा बस्ती में निवासरत लोगो के साथ खुशियाँ बाँटने का लिया संकल्प

संजय तिवारी उमरिया

उमरिया सेवा भारती 13 मार्च शौर्य दिवस पर क्रांतिकारी उधम सिंह जी को नमन कर , होली पर सेवा बस्ती में निवासरत लोगो के साथ खुशियाँ बाँटने का लिया संकल्प

*सेवा भारती द्वारा महान क्रांतिकारी उधम सिंह जी की जयंती को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम खेर माता मंदिर, रमपुरी, वार्ड नंबर 4 में आयोजित होगा, जिसमें उधम सिंह जी के बलिदान, उनके क्रांतिकारी विचारों और भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा होगी।*

*क्रांति के प्रतीक: उधम सिंह जी*

   *भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उधम सिंह जी का बलिदान एक विशेष स्थान रखता है। 13 अप्रैल 1919 को जब ब्रिटिश सेना ने जलियांवाला बाग हत्याकांड में हजारों निर्दोष भारतीयों को गोलियों से छलनी कर दिया था, तब उस वीभत्स नरसंहार का दृश्य नन्हे उधम सिंह ने अपनी आँखों से देखा। उसी दिन उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि वे इस हत्याकांड के दोषी को दंडित करेंगे। अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए उन्होंने 21 वर्षों तक संघर्ष किया और अंततः 13 मार्च 1940 को लंदन में ब्रिटिश साम्राज्य के अत्याचारी जनरल माइकल ओ’डायर को गोली मारकर इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। यह कृत्य न केवल ब्रिटिश हुकूमत के लिए एक कड़ा संदेश था, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम केवल अहिंसा तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें प्रतिशोध की ज्वाला भी धधक रही थी।*

   *उधम सिंह जी केवल एक क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि वे उन विचारों के प्रतीक थे, जो भारत को आत्मनिर्भर, स्वतंत्र और आत्मसम्मान से परिपूर्ण राष्ट्र बनाना चाहते थे। वे मानते थे कि अन्याय का प्रतिकार आवश्यक है, क्योंकि गुलामी का प्रतिरोध करना ही सच्ची आज़ादी की पहली शर्त है। उन्होंने अपने अंतिम क्षणों तक “भारत माता की जय” और “इंकलाब जिंदाबाद” का नार�

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