प्राकृतिक आपदा एवं फसल बीमा को लेकर पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की मुलाकात

शेख आसिफ Sj न्यूज एमपी

बुरहानपुर। सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने भोपाल में मुलाकात कर बुरहानपुर में 28 अप्रैल 2023 को आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी देते हुए फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने हेतु पूर्ण कार्यवाही करने की बात कही ताकि किसान को ऐसे प्राकृतिक आपदा में आर्थिक सहायता मिल सके। श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बुरहानपुर आकर नुकसान का जायजा लेने की भी बात कही।मुलाकात के दौरान श्रीमती चिटनिस ने कहा कि लगभग 2500 हेक्टेयर केले की फसल अर्थात् लगभग 1 करोड़ 8 लाख 75 हजार पौधे नष्ट हो गए है। कुछ खेतों में तो तैयार केला एवं प्याज की फसल थी जो आगामी 10-15 दिन में कटने को तैयार थी। उन्होंने कहा कि औसतन 1 हजार के भाव से आंकलन भी करें तो 1500 करोड़ का कम से कम आर्थिक नुकसान हुआ है।पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि वर्ष 2018 में कैबिनेट में दो महत्वपूर्ण निर्णय आरबीसी 6-4 के अंतर्गत एक लाख रूपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा तथा केला कृषकों के मुआवजे के लिए आरबीसी 6-4 का केप बढ़ाकर 3 लाख रूपए प्रति कृषक बढ़ाया जाना, किए गए थे। इन दोनों निर्णय के चलते किसान को आज कुछ सहारा है।श्रीमती चिटनिस ने बताया कि वर्ष 2021 में 5-6 बार फसल बीमा हेतु टेंडर किए गए, पर फसल आधारित बीमें के लिए कोई एजेंसी नहीं आई। मैंने आपसे भेंट कर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से बैठक करने का निवेदन करने पर आपने तत्काल अपने कार्यालय के माध्यम से बैठक के लिए निर्देशित किया। आपकी आभारी हूं कि उक्त बैठक के उपरांत उद्यानिकी फसलों के लिए फसल आधारित बीमा करने हेतु टेंडर किए गए। परंतु उसमें मध्यप्रदेश के पांच में से मात्र दो झोन के लिए आवेदन आए। शेष तीन झोन के टेंडर नहीं हो सकें थे।श्रीमती अर्चना चिटनिस ने आग्रह किया कि टेंडर में आगामी रबी और खरीफ फसलों को समाहित कर संबंधित अधिकारियों को शार्ट टेंडर करने के लिए निर्देशित करने का कष्ट करें। उन्होंने कहा कि टेंडर एप्लीकेशन प्राप्त हो ही जाए इसे दृष्टिगत रखते हुए इसके प्रारूप में मामूली बदलाव करने पर भी विचार कर निर्णय लिया जा सकता है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जिस प्रकार का मौसम चल रहा है, मौसम की विपदा कब फिर आ जाए बोला नहीं जा सकता है।

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