सिटी बस संचालन पर ध्यान दें महापौर, 90 बसें कबाड़खाने में सड़ रही

इरफान अंसारी उज्जैन

सिटी बस संचालन पर ध्यान दें महापौर, 90 बसें कबाड़खाने में सड़ रही

80 रूपये प्रतिदिन ठेके पर बस देने की जांच हो, बस संचालन के ठेकेदार द्वारा की गई जालसाजी और परिवहन विभाग में किए गए धोखाधड़ी के खिलाफ प्रकरण दर्ज क्यों नहीं-रवि राय नेता प्रतिपक्ष

उज्जैन। नगर निगम उज्जैन द्वारा यूटीसील कंपनी के माध्यम से शहर में जवाहरलाल नेहरू मिशन के तहत निगम को प्राप्त हुई 39 सीएनजी एवं 50 डीजल बसें वर्तमान में वर्कशाप के कबाड़खाने में पड़ी हुई है जबकि उक्त बसों को शहर के नागरिकों को आवागमन के साधन हेतु उपलब्ध कराई गई थी।

नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी जिसके अध्यक्ष स्वयं महापौर है, के द्वारा इस संबंध कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही जबकि इन बसों का आधे से ज्यादा सामान भी गायब हो चुका है, इसकी जवाबदारी किसकी होगी यह भी अभी तक डिसाइड नहीं किया गया। जबकि कंपनी की बैठक में यह सब बातें और बसो के लाभ और हानि के संबंध में चर्चा की जाना चाहिए। इस संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई है कि जो बसो का ठेका दिया गया है वह मात्र 80 रूपये प्रतिदिन में बस उपलब्ध करा दी गई है जबकि अन्य ठेकेदारों द्वारा 400 रूपये की राशि के टेंडर डाले गए थे परंतु ऐसे टेंडर दाताओं के टेंडर निरस्त कर दिए गए। इस कारण नगर निगम और उसकी कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। आरटीओ परिवहन विभाग और परिवहन विभाग ग्वालियर में ऐसे अनेक पत्र परमिट प्राप्त करने हेतु लिखे गए जो की विभागीय अधिकारियों द्वारा लिखा जाना थे। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने संबंधित थाने में जालसाजी पूर्वक लिखे गए पत्रों के संबंध में ठेकेदार के विरुद्ध अपराधी प्रकरण दर्ज करने का आग्रह करते हुए नेता प्रति पक्ष रवि राय ने कहा कि बसे बिना इंश्योरेंस के लगभग डेढ़ वर्षो तक उज्जैन ओंकारेश्वर एवं शहर के अन्य मार्ग पर चल रही है थी जो की बड़ी गंभीर त्रुटि है। जानबूझकर पैसा बचाने और आम यात्रियों की मौत का सौदा करने जैसे गलतियां है जो कि किसी भी स्थिति में क्षमा योग नहीं है। रवि राय ने कहा कि वर्तमान बस के ठेके को निरस्त किया गया है और इन बसों का आरटीओ में प्रतिमाह टैक्स भी लग रहा है। आपने महापौर को सुझाव देते हुए कहा कि वह आउटसोर्स श्रमिकों से बस का संचालन करावे जिससे खड़ी गाड़ी का टैक्स भी नहीं लगेगा और निगम को पुनः आय चालू होगी।

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