कार्तिक पूर्णिमा पर गौमुख मंदिर का मेला: छिंदवाड़ा जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर

राजू गायकवाड की खबर

कार्तिक पूर्णिमा पर गौमुख मंदिर का मेला: छिंदवाड़ा जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर

छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ तहसील की ग्राम पंचायत मानकादेही कलां में स्थित प्राचीन गौमुख मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा से 15 दिन तक गोमुख मेला लगेगा। यह मेला प्रतिवर्ष लगता है और यहां की नदी जलधारा में गौ के मुख से जल की धारा बहती है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।

गौमुख मंदिर प्रकृति व सौंदर्य के साथ प्राचीन प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, महावीर स्वामी, काल भैरव, वीरभद्र, चित्रसेन आदि भगवान विराजमान हैं। यह शिव मंदिर के समीप गौमुख आकार की शीला है, जिसके बीच से जलधारा निरंतर एक छोटे झरने के रूप में गिरती रहती है।

गौमुख मेला आयोजन के दौरान धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां निरंतर चलती रहती हैं। यहां के जल से कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण स्नान करते हैं और भगवान शिव जी का जलाभिषेक कर पूजन करते हैं। मेले में दुकानें लगाई जाती हैं, जिसमें आभूषण, बर्तन, घरेलू सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री आदि की दुकानें होती हैं।

हालांकि, यह मेला अब दबंगों की मनमानी का शिकार हो गया है, जो इसकी मूल परंपरा को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। मेले के आयोजन में ग्राम पंचायत और मंदिर समिति की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन अब दबंगों का हस्तक्षेप इतना बढ़ गया है कि मेले की तिथि और अवधि भी उनकी मर्जी से तय होती है।

गौमुख मेला समिति, स्थानीय वन सुरक्षा समिति और पुलिस विभाग मेले की समस्त व्यवस्थाओं को सुचारू और सुव्यवस्थित रूप से संचालित करते हैं। गौमुख मेला और यह स्थल पिकनिक और पर्यटन की दृष्टि से एक अच्छा स्थल है, जहां जिले के अलावा अन्य जिलों से भी लोग आते हैं।

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