महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकट उत्सव धूमधाम से मनाया गया,गुना गुना जिले में आज महर्षि बाल्मीकि जी का प्रगट उत्सव वाल्मीकि समाज के द्वारा बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया
महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकट उत्सव धूमधाम से मनाया गया,गुना गुना जिले में आज महर्षि बाल्मीकि जी का प्रगट उत्सव वाल्मीकि समाज के द्वारा बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया
क्यों मनाई जाती है वाल्मीकि जयंती सही मार्ग पर चलने की देती है दिशा,
ऋषि वाल्मीकि को संस्कृत रामायण जैसे महाकाव्य का रचयिता माना गया है। उनके द्वारा लिखी गई रामायण को वाल्मीकि रामायण के नाम से जाना जाता है। वाल्मीकि जी को विद्वता और तप के कारण महर्षि की पदवी प्राप्त हुई। वह संस्कृत भाषा के पहले कवि के रूप में जाने जाते हैं। महर्षि वाल्मीकि का जन्म अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। वाल्मीकि समाज में भगवान वाल्मीकि जी के प्रति गहरी आस्था है। वाल्मीकि जी के प्रकटोत्सव पर अमृत कलश शोभायात्रा निकाली जाती है, ताकि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।
गुना के स्टेशन रोड पर वाल्मीकि मंदिर से बैंड बाजे घोड़ा बग्गी लव कुश मनमोहित शोभा यात्रा निकाली गई। जो शहर के एबी रोड होती हुई स्तम्भ चौराहे पर भव्य स्वागत कर रैली के रूप में निकलती हुई मानस भवन पर स्थानीय पूर्व विधायक और हिंदू संगठन के द्वारा आरती उतार कर महर्षि वाल्मीकि जी का भव्य स्वागत किया गया। तत्पश्चात शोभा यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होती हुई हनुमान चौराहा से स्टेशन रोड पर पहुंची वहां पर शोभा यात्रा का समापन किया गया। समापन के दौरान बाल्मीकि समाज के लोगों ने उपस्थित सभी वरिष्ठ जनों का स्वागत किया गया। उपस्थित लोगों को प्रसादी विस्तृत की गई और महर्षि वाल्मीकि के कार्यों का वर्णन किया गया। इस दौरान समाज के वरिष्ठ लोगों का सम्मान सुआपा और माला पहनाकर किया गया। वहीं भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावाधस (भीम) के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन गिल का भी शाल श्रीफल व माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर वाल्मीकी समाज के समाजसेवी सुनील मालवीय, �
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