अमलतास अस्पताल देवास में पहली बार नेत्र (कॉर्निया) और लेंस प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न,अमलतास अस्पताल में ऐतिहासिक नेत्र और लेंस प्रत्यारोपण: सफल ऑपरेशन के 24 घंटे में लौटी आँखों की रोशनी
अमलतास अस्पताल देवास में पहली बार नेत्र (कॉर्निया) और लेंस प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न,अमलतास अस्पताल में ऐतिहासिक नेत्र और लेंस प्रत्यारोपण: सफल ऑपरेशन के 24 घंटे में लौटी आँखों की रोशनी”
देवास: अमलतास हॉस्पिटल बांगर, देवास में पहली बार नेत्र (कॉर्निया) प्रत्यारोपण और लेंस प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया गया है। यह ऐतिहासिक सर्जरी भारत के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ और सर्जन, डॉ. पराग शर्मा द्वारा की गई। इस सर्जरी में उज्जैन निवासी मरीज अब्दुल रहीम की आंख की पुतली (कॉर्निया) को बदला गया और मोतियाबिंद हटाकर लेंस प्रत्यारोपित किया गया।
कॉर्निया प्रत्यारोपण आँखों की सबसे बड़ी सर्जरी है जो की चुनोतिपूर्ण एवं जटिल होती है सभी महानगर में भटकने के बाद अब्दुल रहीम अपनी आंखों की जांच कराने अमलतास आये , जहां पता चला कि 25 साल पहले लगी चोट के कारण उसकी आंख की पुतली पूरी तरह से खराब हो गई थी और उसे मोतियाबिंद भी हो गया था, जिससे उसकी दृष्टि पूरी तरह से चली गई थी। सभी जरूरी जांचों के बाद उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई।
डॉ. पराग शर्मा और डॉ. वंदना टेलगोटे , डॉ. दीपशिखा सोलंकी , डॉ. प्रियंका ,डॉ. हिमांशी ,डॉ. पूजा ,डॉ. कृति ,नेत्र सहायक अजय सक्सेना, रजत जाट, निमिषा श्रीवास्तव, और कमलेश मालवीय की टीम ने मिलकर इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑपरेशन के 24 घंटे के भीतर अब्दुल रहीम को दोबारा दिखाई देना शुरू हो गया, जो कि उज्जैन, देवास, और आसपास के जिलों में अपनी तरह का पहला केस है।
अमलतास अस्पताल के चेयरमैन, श्री मयंक राज सिंह भदौरिया ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर खुशी जाहिर की और डॉक्टर पराग शर्मा और उनकी टीम को बधाई दी। ऑल इंडिया ऑप्थाल्मिक सोसाइटी ने भी इस उपलब्धि के लिए डॉक्टरों की टीम की सराहना की है। अमलतास अस्पताल का यह कदम नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में और भी जटिल सर्जरी के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
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