दमोह जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया, जब इलाज के लिए भर्ती 4 दिन की नवजात बच्ची को कोई दिन दहाड़े चोरी कर ले गया।
बच्ची के चोरी होने की खबर लगते ही अस्पताल और पुलिस प्रशासन सकते में आ गया और सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए और चोरी हुई बच्ची को तलाशने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल पथरिया के उमराहो निवासी वर्षा गौंड ने चार दिन पहले एक बच्ची को जन्म दिया था, नवजात बच्ची का स्वास्थ्य खराब होने पर इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था गुरुवार की दोपहर अस्पताल के वार्ड से बच्ची को चुरा ले गया। वर्षा को शक है कि एक महिला जिसने काले रंग की साड़ी पहन रखी थी वह बच्ची चोर हो सकती है। खबर लिखे जाने तक पुलिस भी उस महिला को तलाशने की कोशिश कर रही है।
बीते दिनों कलेक्टर ने मीडिया पर अस्पताल में विडियो फोटो लेने पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन बच्चा चोरी होने पर क्या एक्शन लेंगे देखना होगा, फिलहाल मौके पर एसडीएम आरएल बाहरी, एएसपी संदीप मिश्रा, सीएसपी अभिषेक तिवारी, कोतवाली प्रभारी आनंद सिंह पहुंचे हैं और बच्ची की तलाश में जुटे हैं।
दमोह जिला अस्पताल में सुरक्षा को लेकर हमेशा ही सवाल खड़े होते हैं, अभी तक तो अस्पताल में मरीजों का कीमती सामान ही चोरी होता था, अब तो इलाजरत बच्चें भी चोरी होने लगे, जबकि अस्पताल की सुरक्षा को करीब 22 गार्ड तैनात है, जिन पर आरोप है कि कुछ तो मरीज और उनके परिजनों से वसूली करने में लगे रहते हैं। दमोह की जिला अस्पताल में कदम कदम पर लापरवाही और तानाशाही देखने मिलती है, जिसके चलते पूर्व सिविल सर्जन डॉ.राजेश नामदेव का प्रभार छिन गया था, अब नवागत सिविल सर्जन डॉ. राजेश राय के कार्यकाल के दौरान लगातार लापरवाही सामने आ रही है। फिर भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि अस्पताल का दौरा तो करते है तो वह व्यवस्था से संतुष्ट कैसे हो जाते है यह भी एक सवाल है।
वही जिला अस्पताल की ब्लड बैंक से सैंपल भी बदलने की शिकायतें आ रही है गुरुवार को ही प्रशांत ठाकुर भी बल्ड बैंक से सैंपल चोरी होने की शिकायत लेकर पहुंचे इसी तरह बीते दिनों अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड सैंपल चोरी होने की शिकायत लेकर कुम्हारी से एक व्यक्ति सिविल सर्जन के पहुंचा था हालाकि उसे डर भी था कि अगर डॉक्टर गुस्सा हो गए तो उसे भी जबलपुर सागर का रास्ता न दिखा दिया जाए।
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