दर्द भरे नग्मों के देवता मुकेश की 48 वीं पुण्यतिथि मनाई

शेख़ आसिफ खंडवा

दर्द भरे नग्मों के देवता मुकेश की 48 वीं पुण्यतिथि मनाई

खंडवा।। आवारा हूँ या गर्दिश में आसमान का तारा हूँ, मेरा जूता है जापानी फिर भी है दिल है हिन्दुस्तानी… जैसे गीतों ने हिन्दुस्तान ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाने वाले गायक स्वर मुकेश की 48 वीं पुण्यतिथि सुर साधकों ने मनाई!

  समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि किशोर दा की नगरी खंडवा में घंटाघर के समीप किशोर दा संगीत साधना केंद्र स्थापित है जहां रात्रि में प्रतिदिन गीतों की महफिल सजती है गायक कलाकार संजय पंचोलिया द्वारा संगीत साधना केंद्र स्थापित किया गया है प्रतिदिन के साथ ही कलाकारों के जन्मदिवस एवं पुण्यतिथि पर भी विशेष गीतों का कार्यक्रम आयोजित होता है, गायक कलाकार मुकेश जी की पुण्यतिथि पर घंटाघर चौक स्थित किशोर दा संगीत साधना केन्द्र पर मुकेश जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत 9 बजे से की गई। हरीश गंगराड़े ने संस्मरण सुनाते हुए कहा मुकेश जी ने

   हजारों गीतों को अपने स्वर से अमर कर दिया,कुछ फिल्मों में उन्होंने अभिनय भी किया।

        ये मेरा दीवाना पन है.., आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूं..,मुबारक हो सबको समां ये.., हमने अपना सब कुछ खोया.., इक हसरत थी कि आँचल का..,आज तुमसे दूर होकर.., इक दिन बिक जाएगा.., जिन्हें हम भूलना चाहें.., मेरी तमन्नाओ की.., दीवानों से ये मत.., मेरा जूता है जापानी, तौबा ये मतवाली चाल, सुहानी चाँदनी रातें.. गीत पेश किए गए।

     संगीत महफिल में चन्द्र शेखर मिश्रा, संजय पंचोलिया, सुनील सोमानी, संजय मुदिराज, सुशील गौर, हरीश गंगराड़े, संतोष मोखले, सुनील टोलिवाल, विनय शुक्ला, आनंद जोशी, प्रदीप पास्कल,आदिता पास्कल, पवन दीक्षित ने कराओके ट्रेक संगीत पर प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर राम गुप्ता, सुनील जैन, हरिकेश लाड़, संजय लाड़, नवीन चन्द्र नागड़ा, अशोक पारवानी, रानी दीक्षित उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संजय पंचोलिया ने किया।

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