क्या आप जानते है की दृष्टिवाधित स्कूल में ऐसे भी बच्चे पढ़ते है जिनकी आँखों को ठीक किया जा सकता है – जानते है डॉ सुमित्रा से

महेश गणावा की खबर

क्या आप जानते है की दृष्टिवाधित स्कूल में ऐसे भी बच्चे पढ़ते है जिनकी आँखों को ठीक किया जा सकता है – जानते है डॉ सुमित्रा से।

डॉ सुमित्रा अग्रवाल

डायरेक्टर आर्टिफीसियल ऑय को

दृष्टिवाधित स्कूल में हर बच्चा पूरी तरह से अंधा नहीं होता है। वहाँ कई बच्चे पूरी तरह से दृष्टिहीन होते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें लो विज़न होती है

लो विज़न वाले बच्चे वे होते हैं जिन्हें दृष्टि संबंधित समस्याएं होती हैं और जिनकी दृष्टि सामान्य चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से पूरी तरह से सुधारी नहीं जा सकती। ऐसे बच्चों को कुछ हद तक दिखाई देता है, लेकिन उन्हें विशेष शैक्षिक संसाधनों और उपकरणों की आवश्यकता होती है ताकि वे बेहतर तरीके से सीख सकें।

इसलिए, दृष्टिवाधित स्कूलों में बच्चों का दृष्टि हानि का स्तर अलग-अलग हो सकता है, और यह स्कूल सभी प्रकार के दृष्टिहीन बच्चों की सहायता के लिए होते हैं।

लो विज़न वाले बच्चों को दृष्टिवाधित स्कूलों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके लिए कुछ समाधान भी उपलब्ध हैं।

समस्याएं

कमज़ोर दृश्य तीक्ष्णता : चीजें धुंधली दिखाई देना, चाहे पास की हों या दूर की।

कम दृश्य क्षेत्र: केवल एक संकीर्ण क्षेत्र में देख पाना, जो उनकी गतिशीलता और स्वतंत्रता को सीमित कर सकता है।

प्रकाश संवेदनशीलता: तेज़ रोशनी से असहजता महसूस होना या दृष्टि में समस्या होना।

दूरी और गहराई का आकलन करने में कठिनाई : सीढ़ियों या फुटपाथ पर चलने में परेशानी।

छोटे प्रिंट को पढ़ने में कठिनाई : किताबें, बोर्ड, और अन्य शैक्षिक सामग्री पढ़ने में समस्या।

समाधान

ऑप्टिकल उपकरण : विशेष चश्मे, आवर्धक लेंस या मैग्निफायर, टेलीस्कोपिक लेंस आदि। ये उपकरण बच्चों को देखने में मदद कर सकते हैं।

डिजिटल उपकरण और टेक्नोलॉजी:

स्क्रीन रीडर, स्क्रीन मैग्नीफायर, और टेक्स्ट-टू-स्पीच सॉफ्टवेयर। टैबलेट्स और कंप्यूटर पर बड़े टेक्स्ट और उच्च कंट्रास्ट सेटिंग्स का उपयोग।

प्रकाश नियंत्रण : बच्चों की जरूरत के हिसाब से कक्षा की रोशनी को समायोजित करना। तेज़ रोशनी से बचने के लिए विशेष चश्मे का उपयोग।

बड़े और उच्च कंट्रास्ट वाले प्रिंट: किताबें और अन्य शैक्षिक सामग्री बड़े अक्षरों और उच्च कंट्रास्ट रंगों में उपलब्ध कराना।

मोबिलिटी ट्रेनिंग: व्हाइट केन का उपयोग करना सिखाना और मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करना।

शैक्षिक सहायक सेवाएं: स्पेशल एजुकेटर और सपोर्ट स्टाफ का सहयोग, जो बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को समझते हों और उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान कर सकें।

इन समाधानों से लो विज़न वाले बच्चों को अपनी शिक्षा और दैनिक जीवन में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है। महत्वपूर्ण यह है कि प्रत्येक बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझकर उनके लिए सही संसाधनों और सहायता को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

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