जो भी सविधान को समाप्त करने की कोशिश करेगा उसको समाप्त करने के लिए लोकतंत्र सेनानी संघ की स्थापना की है-तपन भौमिक
सुसनेर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल की धोषणा की थी। तब मेरी उम्र साढे सोलह साल थी। में भोपाल जेल में बंद था। आपातकाल अवधि 25 जून 1975 की आधी रात से शुरू होकर 21 मार्च 1977 को इसकी वापसी तक लगभग 21 महीने तक चली थी। ओर हम सभी मीसाबंदीयो ने अनेक यातनाएं झेली। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 को लागू करके और देश में आंतरिक गड़बड़ी को आपातकाल घोषित करने का एकमात्र कारण बताते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की थी।
इस दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध के साथ-साथ प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी।
सरकार के फैसले का विरोध करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उस दौरान करीब 1 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
संसद में बहुमत रखने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की थी।
इस घटना को भारत में लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक माना जाता है।
उक्त बात लोकतंत्र सेनानी संघ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष तपन भौमिक ने स्थानीय सुमन मैरिज गार्डन में मंगलवार को शाम 4 बजे आयोजित लोकतंत्र सेनानी एवं प्रहरी संघ के जिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।
इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी गिरिराज पुरोहित ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने आजादी की दूसरी लड़ाई आपातकाल का विरोध करते लड़ी थी। परन्तु अब पुनः देश को बचाने के लिए लोकतंत्र प्रहरियों को तीसरी लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार रहना होगा। क्योंकि आज जो संविधान हाथ मे लेकर पूरे देश मे धूम रहे है उनको पश्चिम बंगाल की बंगलादेश से लगी भारत की 70 किलोमीटर की परिधि में कैसे संविधान का गला घोंटा जाकर महिलाओं को निवस्त्र कर मारापीटा जा रहा है और वहां की सरकार उनकी रक्षा करने के बजाय सरिया कानून का पालन करवाती है वो उन लोगो को नही दिखाई दे रहा है। धीरे धीरे ये स्थिति पूरे भारत की होगी तब आप लोकतंत्र प्रहरियों को संविधान और देश को बचाने की तीसरी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। कार्यक्रम को जिला प्रहरी संघ संयोजक राजेश देसाई ने सम्बोधित करते हुए कहा कि देश मे घटते क्रम में कोई संगठन है तो वो लोकतंत्र सेनानी संघ संगठन है इसीलिए लोकतंत्र प्रहरी संघ की स्थापना की गई है। ताकि लोकतंत्र सेनानियों के बाद उनके परिजनों को ये याद रहे कि हमारे पुरखो ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए यातनाएं झेली है तो हमे भी समय आने पर लोकतंत्र और देश की रक्षा के लिए तैयार रहना है।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण कार्यक्रम के आयोजक एवं लोकतंत्र प्रहरी संघ के जिला संयोजक कैलाश नारायण बजाज ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी संघ जिला संयोजक रमेश परमार ने की। इस अवसर पर लोकतंत्र प्रहरियों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन मांगीलाल सोनी ने किया एवं आभार अभिषेक बजाज ने माना। विशेष अतिथि के रूप में पूर्व विधायक फूलचंद वेदिया एवं बद्रीलाल सोनी, मीसाबंदी गोवर्धन शुक्ला, गोवर्धन पालीवाल एवं जगदीश बैरागी, डाक्टर माणकचन्द जैन, प्रेम मस्ताना, केएल कुल्मी, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि राजपालसिंह सिसोदिया, सोयत भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहनसिंह गुंदलावदा, नलखेड़ा मण्डल अध्यक्ष पवन वेदिया आदि उपस्थित थे।
अतिथियों का स्वागत मार्केटिंग अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह कांवल, पार्षद प्रतिनिधि दिलीप जैन सारँगयाखेड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु भावसार, सांसद प्रतिनिधि मुकेश हरदेनिया, अशोक बजाज, महेश शर्मा, अभय जैन, अशोक अटल, वेदप्रकाश भट्ट, राकेश बिकुन्दीया, दीपक जैन, महेंद्र मीणा, अक्षय राठौर, मनोज माली आदि ने किया।
चित्र 1 : सुसनेर में लोकतंत्र सेनानी एवं प्रहरी संघ के कार्यक्रम को सम्बोधित करते तपन भौमिक।
चित्र 2 : कार्यक्रम में उपस्थित लोकतंत्र प्रहरी एवं गणमान्य लोग।
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