नवीन कानून व्यवस्था में न्याय और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का दिया गया है महत्व- कलेक्टर अरविंद दुबे

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

लोकेशन रायसेन

नवीन कानून व्यवस्था में न्याय और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का दिया गया है महत्व- कलेक्टर अरविंद दुबे

एसपी विकास शहवाल ने नवीन कानून व्यवस्था के बारे में अधिकारियों को दी जानकारी

टीएल बैठक में की गई सीएम हेल्पलाईन तथा विभागीय गतिविधियों की समीक्षा

रायसेन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर अरविंद दुबे द्वारा समय सीमा वाले शासकीय पत्रों, सीएम हेल्पलाईन, वृहद पौधरोपण अभियान की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक के प्रारंभ कलेक्टर अरविंद दुबे ने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता 1860, दण्ड प्रक्रिया संहिता 1975 तथा इडियन एवीडेन्स एक्ट 1872 अब एक जुलाई 2024 से नवीन स्वरूप में लागू हो गए हैं। जिसमें न्याय और नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा को महत्व दिया गया है। सभी अधिकारियों को नवीन कानून व्यवस्था तथा धाराओं के बारे में जानकारी होना जरूरी है।

 कलेक्टर अरविंद दुबे ने जिले में वर्षा ऋतु में वृहद पौधरोपण अभियान हेतु की जा रहीं तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सम्पूर्ण जिले में लगभग 20 लाख से अधिक पौधों का रोपण होना हैं, इसमें सभी विभाग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। शासकीय भवनों के परिसरों में, नदी-तालाबों के किनारे, ग्राम पंचायतों में रिक्त शासकीय भूमि आदि जगहों पर पौधरोपण कराएं। किसानों को भी अपने खेतों में पौधरोपण करने हेतु प्रेरित किया जाए। उन्होंने विभागवार सीएम हेल्पलाईन में लंबित शिकायतों की समीक्षा करते हुए जिला अधिकारियों को प्राथमिकता से संतुष्टिपूर्ण निराकरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर दुबे ने उप संचालक कृषि से खरीफ फसलों की बोनी की स्थिति, उर्वरकों की उपलब्धता तथा किसानों को वितरण की जानकारी ली।

*कानूनों के नवीन स्वरूपों की अधिकारियों को दी गई जानकारी*

 बैठक में पुलिस अधीक्षक विकास शहवाल ने जिला अधिकारियों को विभिन्न कानूनों तथा धाराओं के नवीन स्वरूप जानकारी देते हुए बताया कि एक जुलाई से देश में अनेक कानून नए स्वरूप में लागू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पुराने समय से चले आ रहे ऐसे विधेयक एवं अधिनियम में भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। दंड प्रक्रिया संहिता 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।

 पुलिस अधीक्षक शहवाल ने बताया कि कानून के नए स्वरूप में दण्ड के स्थान पर न्याय का महत्व बढ़ाने तथा भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा को महत्व दिया गया है। उन्होंने बताया कि नागरिकों को नवीन कानूनों की जानकारी देने के लिए जिले के सभी थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विभिन्न कानूनों तथा धाराओं के नवीन स्वरूप की जानकारी देने मोबाइल एप एसीआरबी संकलन ऑफ क्रिमिनल लॉ मोबाईल एप बनाया गया है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। बैठक में पीपीटी के माध्यम से कानून व्यवस्था के नवीन स्वरूपों तथा धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया। सभाकक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार सहित जिला अधिकारी उपस्थित रहे।

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