10 हजार की रिश्वत के बाद भी नामांतरण की फाइल पड़ी पेंडिंग, पीड़ित ने लगाए आरोप
टीकमगढ़। एक तरफ मोहन सरकार देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात करती हैं, तो वहीं दूसरी ओर शासकीय कार्यालय में बैठे बाबू और अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाह रहे हैं। बताया गया है कि धांधली और भ्रष्टाचार का मामला लिधौरा तहसील से सामने आया है, आधी रिश्वत मिलने के बाद भी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने फाइल को पेंडिंग में डाल दिया है। यह मामला यहां की तहसील का है। पीड़ित अनिल कुमार रजक ने बताया कि उसने वेद प्रकाश और नित्य प्रकाश दोनों की जमीन खरीदी थी। जनवरी में फाइल जमा की थी। सात माह बीत जाने के बाद भी फाइल पेंडिंग में पड़ी रही। शिकायतकर्ता अनिल कुमार ने बताया है कि जब वह अपनी फाइल की बात करता है तो संबन्धित बाबू उसे घुमा देते हैं। इस मामले में पीड़ित ने कहा भागवत अहिरवार किसी अन्य की बातों में आकर उसकी फाइल लटकी हुई है।
पीड़ित अनिल कुमार रजक ने लिधौरा तहसील कार्यालय के बाबू पर आरोप लगाते हुए बताया कि पीड़ित से बाबू भागवत अहिरवार ने 10 हजार की रिश्वत भी ले चुके है। ओर पीड़ित जब भी वह अपनी नामांतरण की फाइल की बात करता तो लिधौरा तहसील में पदस्त बाबू पीड़ित अनिल कुमार रजक को घुमा रहे है। जिससे पीड़ित काफी परेशान है।
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